रविवार को खुली अदालत, छत्‍तीसगढ़ हाई कोर्ट ने एनआरडीए की कारवाई पर लगाई रोक

बिलासपुर 27 फ़रवरी (वेदांत समाचार)। छत्तीसगढ़ में पत्रकारों पर अत्याचार और प्रताड़ना के एक मामले में सुनवाई करते हुए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता पत्रकार सुनील नामदेव को राहत दी है। एनआरडीए रविवार को अवकाश के दिन उनके घर मे तोड़फोड़ की कार्रवाई शुरू करने एक्ससीवेटर सहित अन्य सामान लेकर टीम के साथ पहुंच गई थी।

मामले की गंंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रविवार को अवकाश होने के बावजूद चीफ जस्टिस एके गोस्वामी के निर्देश पर कोर्ट की कार्रवाई शुरू की गई। हाई कोर्ट के सिंगल बेंच ने एनआरडीए और वरिष्ठ पत्रकार सुनील नामदेव का पक्ष सुनने के बाद की जा रही कार्रवाई पर रोक लगा दी है। एनआरडीए ने 19 फरवरी 2022 को दोपहर 2:20 मिनट पर स्पीड पोस्ट के जरिये वरिष्ठ पत्रकार सुनील नामदेव के आवास को तोड़ने का नोटिस भेजा था।

नोटिस जारी करने के अगले दिन 20 फरवरी 2022 को सुबह एनआरडीए की टीम ने एक्ससीवेटर सहित अन्य सामान के साथ उनके घर पहुंच गए। सुबह से लेकर देर शाम तक एनआरडीए की टीम ने वरिष्ठ पत्रकार नामदेव के आवास पर जमकर तोड़फोड़ की। जेसीबी और एक्ससीवेटर के साथ उनके आवास के कई हिस्से को तोड़ दिया। याचिका में कहा है कि सुने घर पर ताला तोड़कर की गई एकतरफा कार्यवाही के दौरान लाखों का कीमती सामान नष्ट कर दिया। उन्हें सामान को सुरक्षित बाहर निकलने का मौका भी नही दिया गया। एनआरडीए की कार्यवाही यहीं नही थमी। रविवार को छुटी का दिन होने के बावजूद एकतरफा कार्यवाही कर अफसरों ने अपने पद और अधिकार का जमकर दुरुपयोग किया।

आवास के शेष बचे हुए हिस्से को भी तोड़ने के लिए उन्हें दोबारा नोटिस जारी किया गया। इस नोटिस को वरिष्ठ पत्रकार सुनील नामदेव की ओर से गैरकानूनी बताते हुए अदालत में चुनौती दी। मामले की गंभीरता को देखते हुए चीफ जस्टिस ने प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए आज रविवार को छुट्टी का दिन होने के बाद भी कोर्ट लगाने और सुनवाई करने का निर्देश छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को जारी किया।

चीफ जस्टिस के निर्देश पर जस्टिस एनके चन्द्रवंशी की सिंगल बेंच में सुनवाई के लिए याचिका को रजिस्टर किया गया। जस्टिस चन्द्रवंशी ने याचिका पर सुनवाई प्रारंभ की। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने एनआरडीए की कार्रवाई पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी है। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आशुतोष पांडेय ,एवी श्रीधर और वैभव पी शुक्ला ने पैरवी की। राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता अमृतो दास और शासकीय अधिवक्ता गगन तिवारी ने पक्ष रखा।

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