भारत के उन मंदिरों के बारे में जहां साल में सिर्फ एक बार खुलते हैं कपाट !

नागचंद्रेश्वर मंदिर, उज्जैन: नाग देवता को समर्पित इस मंदिर के कपाट साल में सिर्फ एक बार नाग पंचमी के दिन ही खुलते हैं. इस दौरान मंदिर में श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंचते हैं और अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने की प्रार्थना करते हैं. रानी पोखरी का मंदिर: रानी पोखरी का मतलब रानी का तालाब होता है. कहते हैं कि इस मंदिर के कपाट साल में दीपावली के पांचवे दिन ही खुलता है. ये मंदिर तालाब के ठीक बीच में स्थित हैं और यहां भी श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंचते हैं. रानी पोखरी का मंदिर: रानी पोखरी का मतलब रानी का तालाब होता है. कहते हैं कि इस मंदिर के कपाट साल में दीपावली के पांचवे दिन ही खुलता है. ये मंदिर तालाब के ठीक बीच में स्थित हैं और यहां भी श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंचते हैं. मंगला देवी मंदिर, कर्नाटक: कर्नाटक के मंगलौर शहर में स्थित इस मंदिर के कपाट भी साल में एक बार ही खुलते हैं. ये मंदिर मैंगलोर के बोलारा नामक स्थान पर स्थित है. नवरात्रि के दौरान यहां विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है. मंगला देवी मंदिर, कर्नाटक: कर्नाटक के मंगलौर शहर में स्थित इस मंदिर के कपाट भी साल में एक बार ही खुलते हैं. ये मंदिर मैंगलोर के बोलारा नामक स्थान पर स्थित है. नवरात्रि के दौरान यहां विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है. हसनम्बा मंदिर: कर्नाटक में मौजूद ये मंदिर अम्बा देवी को समर्पित है. इस मंदिर के कपाट भी दीपावली के दौरान ही खुलते हैं. कहते हैं कि इस मंदिर को 12वीं शताब्दी में बनवाया गया था. हसनम्बा मंदिर: कर्नाटक में मौजूद ये मंदिर अम्बा देवी को समर्पित है. इस मंदिर के कपाट भी दीपावली के दौरान ही खुलते हैं. कहते हैं कि इस मंदिर को 12वीं शताब्दी में बनवाया गया था. एकलिंगेश्वर महादेव मंदिर: ये धार्मिक स्थल राजस्थान के जयुपर में स्थित है, जिसका कपाट साल में एक बार सिर्फ शिवरात्रि के दिन ही खुलता है. भक्तों को इस मंदिर के खुलने की प्रतीक्षा रहती है और इस दिन यहां दर्शन के लिए लंबी कतार लग जाती है.  एकलिंगेश्वर महादेव मंदिर: ये धार्मिक स्थल राजस्थान के जयुपर में स्थित है, जिसका कपाट साल में एक बार सिर्फ शिवरात्रि के दिन ही खुलता है. भक्तों को इस मंदिर के खुलने की प्रतीक्षा रहती है और इस दिन यहां दर्शन के लिए लंबी कतार लग जाती है.