गोठानों में बने वर्मी कंपोस्ट अब कोरबा शहर के पांच कृषि दुकानों में उपलब्ध

0 10 रूपये प्रति किलो की दर से वर्मी कम्पोस्ट मिलेेगा दुकानों में,
0 बागवानी और किचन गार्डन के लिए होगी उपयोगी

कोरबा 26 फ़रवरी (वेदांत समाचार)। राज्य शासन के महत्वाकांक्षी योजना गोधन न्याय योजना के तहत जिले के गोठानों में महिला समूहों द्वारा गोबर खरीदी और गोबर से वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण किया जा रहा है। वर्मी कंपोस्ट का उपयोग कर किसान न केवल बेहतर फसल प्राप्त कर रहे हैं बल्कि फसल उत्पादन में भी बढ़ोतरी हो रही है। गोठानों में निर्मित वर्मी कंपोस्ट खाद अब गांव के अलावा शहर में भी बिक्री के लिए उपलब्ध हो गया है।

कलेक्टर श्रीमती रानू साहू के मार्गदर्शन में कृषि विभाग द्वारा गोठानों में उत्पादित वर्मी कंपोस्ट कोरबा शहर के 5  कृषि सेवा केन्द्रों में भी उपलब्ध कराया गया है। वर्मी कंपोस्ट इन दुकानों में 10 रूपये प्रति किलो की दर में उपलब्ध है। किचन गार्डन और बागवानी में रुचि रखने वाले शहरवासी आसानी से वर्मी खाद खरीदकर इसका उपयोग कर सकेंगे। वर्मी खाद कोरबा शहर के छत्तीसगढ़ फर्टिलाइजर कोरबा ओवर ब्रिज के नीचे, एग्रोटेक सर्विसेज गायत्री मंदिर के पीछे सीएसईबी चौक, सिंघानिया एजेंसीज इतवारी बाजार कोरबा, जय किसान बीज भंडार इतवारी बाजार कोरबा एवं कृषक जगत मेन रोड कोरबा इतवारी बाजार दुकानों में उपलब्ध हैं। पहले दिन सिंघानिया एजेंसीज दुकान से ग्राम पहंदा के निवासी लक्ष्मी नारायण सिदार ने 50 किलो वर्मी खाद खरीदा। उन्होनंे वर्मी खाद को फसल के लिए बहुत ही लाभदायक बताया साथ ही सभी किसानों को फसल में वर्मी खाद उपयोग करने की सलाह भी दी। इसी प्रकार माली का काम करने वाले सखाराम कश्यप और किसान पुनीराम पटेल ने भी शहर के दुकानों में वर्मी खाद खरीद कर वर्मी खाद को फसल  और भूमि सुधार के लिए उपयोगी बताया।


उप संचालक कृषि ए.के.शुक्ला ने बताया कि आगामी दिनों में इस तरह की दुकानें शहर के अलावा जिले के उपनगरीय क्षेत्र जैसे पाली, छुरी, दर्री, कटघोरा, दीपका एवं बालकों में भी संचालित होगी। ग्रामीण क्षेत्रों में भी सुगमता से खाद को उपलब्ध कराने के लिए दुकान चयन की प्रक्रिया की जा रही है।  उन्होंने बताया कि जिले में संचालित हो रहे 232 गोठानों में 285 महिला समूह कार्य कर रही हैं। गृहिणी की तरह कार्य करने वाली महिलाएं अब गौठान से जुड़ कर आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बन रही है।

वित्तीय वर्ष 2021- 22 में 57 हजार 751 क्विंटल वर्मी कंपोस्ट खाद उत्पादित हुआ है। इससे गोठान की महिलाओं को 4 करोड़ 33 लाख 60 हजार रूपये का लाभ हुआ है। ग्रामीण क्षेत्रों की तरह शहर में भी खाद की बिक्री बढ़ने से महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।  उप संचालक कृषि ने बताया कि वर्मी खाद के उपयोग से मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ती हैं। वर्मी खाद के उपयोग से फसल लागत में भी कमी आती हैं। वर्मी खाद स्वास्थ्य की दृष्टि से लाभदायक है। किसानों को घर में कीटनाशक दवाओं को रखने से होने वाली हानि से भी निजात मिलेगी।

[metaslider id="122584"]
[metaslider id="347522"]