रायपुर 26 फ़रवरी (वेदांत समाचार)। छत्तीसगढ़ के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में स्थानीय को कुलपति बनाने के बाद अब राज्यसभा के लिए छत्तीसगढ़िया उम्मीदवार को लेकर सियासी घमासान शुरू हो गया है। छत्तीसगढ़ कोटे से वरिष्ठ अधिवक्ता केटीएस तुलसी को राज्यसभा भेजने को लेकर भाजपा ने पर कांग्रेस को घेरा है।
भाजपा ने मांग की है कि राज्यसभा में भी छत्तीगसढ़ी व्यक्ति को भेजा जाए। इस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आश्वासन दिया कि राज्यसभा के लिए स्थानीय उम्मीदवार मिले, इसके लिए वह कोशिश करेंगे। दरसअल, जून में राज्यसभा की दो सीट खाली हो रही है। विधायकों की संख्या के आधार पर यह तय माना जा रहा है कि दोनों सीट कांग्रेस की झोली में जाएगी। ऐसे में भाजपा ने पहले से ही दबाव बनाना शुरू कर दिया है।
केटीएस तुलसी का राज्य से कोई लेना-देना नहीं-केदार कश्यप
पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि तुलसी जैसे व्यक्ति, जिनका छत्तीसगढ़ से कोई लेना-देना नहीं है। उन्हें राज्यसभा भेजकर सीएम बघेल ने न केवल छत्तीसगढ़ के हक पर बल्कि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के हितों पर भी कुठाराघात किया है। कांग्रेस तुलसी से इस्तीफा लेकर उस सीट से स्थानीय कार्यकर्ता को अवसर देकर अपने पापों का प्रायश्चित करे। कश्यप के बयान पर सरकार के प्रवक्ता और मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि भाजपा छत्तीसगढ़ में विरोधी दल के रूप में हैं, उसे सिर्फ अपनी ड्यूटी करना है
भाजपा के सलाह की जरूरत नहीं-चौबे
यहां कुलपति की नियुक्ति को लेकर छत्तीसगढ़ के विद्वानों के सम्मान के संबंध में मुख्यमंत्री ने आग्रह किया था। संसद में छत्तीसगढ़ के लोगों का सम्मान हमेशा से कांग्रेस पार्टी करती आई है। राज्यसभा में किसे भेजना है, इस मामले में हमें भाजपा की किसी सलाह की जरूरत नहीं है। चौबे के बयान पर पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि उम्मीदवार तय करना कांग्रेस का अंदरुनी मामला है। हमारी मांग है कि स्थानीय व्यक्ति को उम्मीदवार बनाया जाए।
केंद्रीय संगठन की पसंद थे तुलसी
राज्यसभा सदस्य के रूप में भाजपा के रामविचार नेताम और छाया वर्मा का कार्यकाल जून में पूरा हो रहा है। पिछले चुनाव में कांग्रेस ने फूलोदवी नेताम और तुलसी को राज्यसभा उम्मीदवार बनाया था। तुलसी को केंद्रीय संगठन के पसंद के रूप में देखा जा रहा है।
कांग्रेस बताये तुलसी ने राज्यसभा में छतीसगढ़ के हक की क्या बात की है: विष्णुदेव साय
भाजपा प्रदेश अध्य्क्ष विष्णुदेव साय ने केटीएस तुलसी की जगह किसी छतीसगढ़ के व्यक्ति को राज्यसभा भेजे जाने के भाजपा के बयान पर कांग्रेस द्वारा प्रधानमंत्री व स्मृति ईरानी को वापिस बुलाये जाने के बयान को हास्यप्रद और कांग्रेस की अज्ञानता बताया है। साय ने कहा कांग्रेस की समझ अब इतनी भी नहीं रह गयी को प्रधानमंत्री और स्मृति ईरानी को जनता ने प्रत्यक्ष रूप से जिता कर लोकसभा भेजा है।
स्मृति ईरानी ने तो कांग्रेस के राजकुमार राहुल गांधी को हराया है जबकि केटीएस तुलसी को दस जनपथ ने चुना है। साय ने कहा कांग्रेस पार्टी की दोहरी राजनीति का पर्दाफाश हो गया है। एक तरफ वह छतीसगढ़ के लोगो की हितैषी होने का नाटक करती है और जब राज्य सभा सदस्य बनाने की बारी आती है तो प्रदेश के लोगों का हक मारकर पंजाब के व्यक्ति को भेजती है।
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