रूस और यूक्रेन के बीच जैसे-जैसे जंग तेज होती जा रही है। दुनिया भर के देशों को अलग-अलग तरह की चिंता सताने लगी है। भारत के सामने सबसे बड़ी चुनौती है, यूक्रेन में फंसे अपने 18 हजार नागरिकों की सुरक्षा। चूंकि हवाई हमलों की वजह से यूक्रेन के एयरस्पेस बंद हो गया है, ऐसे मे भारतीयों को वहां से सुरक्षित निकालना आसान नहीं रह गया है। दूसरी ओर परिजनों और राज्य सरकारों की की ओर से उन्हें सुरक्षित निकालने का दबाव बढ़ता जा रहा है। इसके अलावा तेल की कीमतों और आपूर्ति से जुड़ी समस्या भी बढ़ सकती है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए आज शाम उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है। इस बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर और कैबिनेट सचिव और अन्य लोग मौजूद रहेंगे।
वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रूस-यूक्रेन जंग पर कहा कि स्थिति विषम है, इसमें कोई दो राय नहीं है। लेकिन भारत शांति चाहता है और बातचीत के द्वारा इसका हल निकाला जाना चाहिए। भारतीय नागरिकों और छात्रों के बारे में उन्होंने भरोसा दिलाया कि सभी भारतीयों को सुरक्षित रखने और बाहर निकालने के लिए सरकार सभी संभव कदम उठा रही है।
विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने कहा कि विदेश मंत्रालय यूक्रेन से छात्रों सहित लगभग 18,000 भारतीयों को वापस लाने के लिए कदम उठा रहा है। यूक्रेन में हवाई क्षेत्र बंद है इसलिए भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है। केंद्र सरकार सभी भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। वहीं यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने भारतीय नागरिकों से कहा है कि वे जहां भी हैं, सुरक्षित रहें। दूतावास खुला हुआ है और भारतीय नागरिकों को निकालने के लिये सभी संभव प्रयास कर रहा है।
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