ABG Shipyard case: CBI दफ्तर पहुंचे ऋषि अग्रवाल, 22,842 करोड़ रुपये के घोटाले को लेकर होगी पूछताछ

एबीजी शिपयार्ड कंपनी (ABG Shipyard Company) के पूर्व चेयरमैन और एमडी ऋषि अग्रवाल (Rishi Agarwal) सोमवार को दिल्ली स्थित सीबीआई (CBI) मुख्यालय पहुंचे. उनसे यहां 22,842 करोड़ रुपये के कथ‍ित घोटाले को लेकर पूछताछ होगी. यह घोटाला किसी भी केन्द्रीय एजेंसी द्वारा दर्ज किया गया इस तरह का सबसे बड़ा मामला है. पानी के जहाज बनाने वाली कंपनी एबीजी शिपयार्ड ने 28 बैंकों को चूना लगाकर 22,842 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की. यह घोटाला विजय माल्या के 9 हजार करोड़ और नीरव मोदी के 14 हजार करोड़ के घोटाले से भी काफी ज्यादा है. अधिकारियों ने बताया कि केन्द्रीय जांच एजेंसी ने मामले के आरोपी को देश छोड़कर भागने से रोकने के लिए लुक आउट सर्कुलर जारी किया है.

एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड देश की सबसे बड़ी निजी शिपयार्ड फर्म रही है. कंपनी 16 साल में 165 से ज्यादा जहाज बना चुकी है, जिसमें से 45 दूसरे देशों के लिए बनाए हैं. ये नौसेना और कोस्टगार्ड के लिए भी जहाज बना चुकी है. सीबीआई ने कुछ द‍िन पहले भी 22,842 करोड़ रुपये के कथित बैंक घोटाले से जुड़ी अपनी जांच के सिलसिले में ऋषि अग्रवाल से पूछताछ की थी. भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) द्वारा 25 अगस्त, 2020 को दी गई शिकायत पर आधार पर सात फरवरी को मामला दर्ज करने के बाद सीबीआई इसकी जांच कर रही है.

कंपनी के कई लोगों पर हो चुकी है FIR

उन्होंने बताया कि एजेंसी ने आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी, विश्वास भंग और आधिकारिक पद के दुरुपयोग से जुड़ी भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निरोधी कानून के तहत एबीजी शिपयार्ड के तत्कालीन कार्यकारी निदेशक संतनम मुथुस्वामी, निदेशकों अश्विनी कुमार, सुशील कुमार अग्रवाल और रवि विमल निवेदिता को भी प्राथमिकी में नामजद किया है. एफआईआर दर्ज करने के तुरंत बाद सीबीआई ने 12 फरवरी को 13 परिसरों की तलाशी ली थी. अधिकारियों का दावा है कि उन्हें तमाम दस्तावेज मिले हैं जिनका अध्ययन किया जा रहा है. एसबीआई ने बताया है कि उसे 2013 में ही पता चल गया था कि कंपनी का लोन एनपीए हो गया है. इसके बाद एसबीआई की ओर से लोन रिकवरी के लिए कई कोशिश की गईं, लेकिन सफलता नहीं मिली.

मामले पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी द‍िया था बयान

सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि फॉरेंसिक ऑडिट से पता चला है कि वर्ष 2012-17 के बीच आरोपियों ने कथित रूप से मिलीभगत की और अवैध गतिविधियों को अंजाम दिया, जिसमें धन का दुरुपयोग और आपराधिक विश्वासघात शामिल है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि एबीजी शिपयार्ड का खाता पिछली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल में एनपीए हुआ था और बैंकों ने औसत से कम समय में इसे पकड़ा और अब इस मामले में कार्रवाई चल रही है.

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