बीजेपी मुस्लिम बेटियों को पढ़ने से रोक रही, लड़के पगड़ी पहन सकते हैं तो लड़कियां हिजाब क्यों नहीं?- पूर्व सीएम सिद्धारमैया

कर्नाटक (Karnataka) में शुरू हुए हिजाब विवाद (Hijab Controversy) थमने का नाम नहीं ले रहा है. कर्नाटक के पूर्व सीएम सिद्धारमैया (Former CM Siddaramaiah) ने कहा कि वर्दी कोड सत्र की शुरुआत में निर्धारित किया जाना चाहिए था. जनवरी-फरवरी के महीने में ऐसा जानबूझकर किया गया. उन्होंने कहा कि बीजेपी मुस्लिम लड़कियों को शिक्षा से रोकने की कोशिश कर रही है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार इस समस्या को हल कर सकती थी. उन्होंने कहा  “अगर छात्र पगड़ी पहन सकते हैं तो छात्रा हिजाब क्यों नहीं पहन सकती? लड़कियां इसे लंबे समय से पहन रही हैं, तब शांति भंग नहीं हुई थी”. उन्होंने कहा कि सरकार लोगों से शांति बनाए रखने की अपील कर रही है, एक नाटक है.

हिजाब विवाद पर बीजेपी सरकार ने जारी अपने आदेश को संशोधित करने पर विचार कर रही है. जिसमें  सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेजों में हिजाब पर प्रतिबंध धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन नहीं होगा. इस मामले को कर्नाटक हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. हाईकोर्ट ने हिजाब विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं के लंबित रहने तक के लिए पिछले हफ्ते अंतरिम आदेश जारी किया था और विद्यार्थियों के भगवा गमछा, हिजाब या किसी तरह का धार्मिक निशान कक्षा में ले जाने पर रोक लगा दी थी. वहीं कांग्रेस के मुस्लिम विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षा मंत्री बी सी नागेश से मुलाकात की थी और इस आदेश को वापस लेने की मांग की थी. राज्य के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने भी कहा है कि डिग्री कॉलेजों पर यूनीफॉर्म रूल लागू नहीं होता है.

हाईकोर्ट के आदेश के इंतजार में सरकार

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए शिक्षा मंत्री बी सी नागेश नागेश ने कह था कि ‘हम सभी छात्रों की समस्याओं को हल करने का प्रयास करेंगे. हम नहीं चाहते कि एक भी छात्र शिक्षा से वंचित रहे. अटलजी ने सबके लिए शिक्षा की बात की और पीएम मोदी की इच्छा है कि सभी लड़कियों को शिक्षित किया जाए. मंत्री ने संकेत दिया है कि एक संशोधित यूनीफॉर्म पॉलिसी की आवश्यकता है. सरकार हाईकोर्ट के आदेश की प्रतीक्षा कर रही है.

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