भारत सरकार (Indian Government) ने सुरक्षा और निजता पर चिंता जताते हुए चीन के 54 ऐप्स को प्रतिबंधित (India Bans Chinese Apps) कर दिया है. जिससे चीन तिलमिला उठा है. उसने गुरुवार को भारत के इस कदम की निंदा की. चीन (China) ने कहा कि इस कदम ने चीन की कंपनियों के हितों को नुकसान पहुंचाया है. भारत ने सोमवार को चीन से जुड़े 54 और ऐप्स को बैन कर दिया था. जिनमें वीवा वीडियो एडिटर और गेमिंग ऐप इलुमिनेट शामिल हैं. चीनी ऐप्स कथित तौर पर विभिन्न महत्वपूर्ण पर्मिशन प्राप्त करते हैं और संवेदनशील यूजर्स डाटा को एकत्र करते हैं. चीन इसी एकत्रित किए गए डाटा का गलत इस्तेमाल करता है.
भारत के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए, चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने भारत से अपने कारोबारी माहौल में सुधार करने और चीनी कंपनियों सहित सभी विदेशी निवेशकों के साथ निष्पक्ष, पारदर्शी और गैर-भेदभावपूर्ण व्यवहार करने का आग्रह किया. वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता गाओ फेंग ने कहा कि संबंधित भारतीय अधिकारियों ने भारत में चीनी कंपनियों और उनके उत्पादों पर अंकुश लगाने के लिए कई उपाय किए हैं, जिन्होंने उनके वैध अधिकारों और हितों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया है.
चीन ने गंभीर चिंता व्यक्त की
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गाओ ने कहा, ‘चीन इस मामले में गंभीर चिंता व्यक्त करता है.’ उन्होंने कहा कि चीन और भारत एक दूसरे के लिए अविभाज्य पड़ोसी और महत्वपूर्ण आर्थिक और व्यापारिक पार्टनर हैं. साल 2021 में चीन और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार की मात्रा 125.7 बिलियन अमेरिकी डालर तक पहुंच गई थी, जो साल-दर-साल 43 फीसदी की वृद्धि है. गाओ ने कहा कि ‘दोनों देशों के बीच आर्थिक और व्यापारिक सहयोग में मजबूत लचीलापन और काफी संभावनाएं हैं. ऐसे में यह आशा की जाती है कि भारतीय पक्ष द्विपक्षीय आर्थिक और व्यापारिक सहयोग की विकास गति को बनाए रखने के लिए ठोस उपाय कर सकता है.’
दो साल पहले भी बैन किए थे ऐप
भारत ने इससे पहले साल 2020 में भी चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया था. जून 2020 में सरकार ने चीनी लिंक से जुड़ी 59 ऐप बैन कर दिए थे. जिनमें मशहूर ऐप टिकटॉक और यूसी ब्राउजर भी शामिल है. सरकार ने कहा कि वह देश की संप्रभुता, अखंडता और सुरक्षा के लिए ऐसा कर रही है. ये ऐप्स इनके प्रतिकूल हैं. ठीक इसी साल सितंबर महीने में सरकार ने मशहूर गेमिंग ऐप PUBG सहित 118 और मोबाइल एप्लिकेशन को बैन कर दिया था. इन्हें राष्ट्र की संप्रभुता, अखंडता और रक्षा के लिए हानिकारक बताया गया था.
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