मुख्य चिकित्सा अधिकारी के विरुद्ध कठोर कार्रवाई हो – सिन्हा

कोरबा, 18 फरवरी (वेदांत समाचार)। सामाजिक कार्यकर्ता विनोद सिन्हा ने जारी एक बयान में बताया कि पिछले कई वर्षों से कोरबा स्वास्थ्य विभाग मैं भ्रष्टाचार अनियमितता व जानबूझकर निजी अस्पतालों को लाभ पहुंचाने तथा आमजन के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा उनके अधिकारी कर्मचारियों की टीम के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की मांग की है ।


सिन्हा ने आगे बताया कि कोरबा जिले में आए दिन निजी चिकित्सालयों में भ्रष्टाचार को बढ़ावा का केंद्र मुख्य चिकित्सा अधिकारी के द्वारा किया जाना आम जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है शासकीय राशि का भ्रष्टाचार व निजी लाभ के लिए कुछ भी किया जा रहा है जो मानवता के लिए शर्मसार हो रहा है ।


सिन्हा ने आगे बताया कि कोविड-19 के समय जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने कोरबा के निजी अस्पतालों में कॉर्डिट केंद्र विभिन्न होटलों में स्थापित किया था प्रशासन की मंशा थी कोविड-19 से निपटने शहर के सभी होटल और रेस्टोरेंट में कॉविड 19 के मरीजों को जगह मिल सके लेकिन इसमें भी जिला स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा केवल एक निजी अस्पतालों को पूरे कोरबा का कोविड-19 सेंटर खोलने के लिए अधिकृत किया जिसके चलते बिचौलिए के रूप में कोविड-19 भर्ती मरीजों से अनाप-शनाप उदाहरण के तौर पर अगर एक मरीज एक रेस्टोरेंट होटल में 2 दिन दाखिला लेते हैं तो मरीज के परिजनों से 14 दिन का शुल्क लिया गया जिस मरीज के दुर्भाग्यपूर्ण कोविड-19 अस्पताल में भर्ती के पश्चात 2 से 4 दिन के अंदर मृत्यु हो जाने पर 14 दिन का चार्ज लिया गया परिजन रोते बिलखते रह गए लेकिन उनकी कहीं सुनवाई नहीं हुई तथा कोविड-19 मरीजों की देखभाल से लेकर भोजन तक में अधिक दर पर समान खरीदी कर घोटाला किया गया जिसकी कोई जांच नहीं की गई ।
सिन्हा ने आगे बताया कि डॉक्टर अशोक मखीजा जो रानी धनराज कुंवर चिकित्सालय कोरबा मैं पदस्थ खनिज न्यास मत से नियुक्त डॉक्टर ने अपने निजी क्लिनिक में वैक्सीनेशन का कार्य पैसा लेकर कर रहे थे लेकिन जिला स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा आज दिनांक तक नहीं बता पाए कि डॉक्टर अशोक मखीजा किस मद से कहां से वैक्सीन लाकर लगाई गई इसका खुलासा आज तक नहीं हुआ इस संबंध में सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा माननीय कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक कोतवाली थाना कोरबा में एक आवेदन देखकर डॉक्टर मखीजा के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर वैक्सीन असली थी या नकली कहां से उन्होंने प्राप्त किया इसकी जांच करने का निवेदन किया था लेकिन जिला प्रशासन से लेकर कोतवाली पुलिस तक आज दिनांक तक कोई कार्रवाई नहीं की गई जन सूचना अधिकार के तहत कलेक्टर कोरबा को दिए गए आवेदन की की गई कार्रवाई हो दिनांक 30 अगस्त 20 21 को मांगी गई जिला कलेक्ट्रेट जन सूचना अधिकारी द्वारा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कोरबा को सूचना अधिकार अधिनियम के तहत आवेदन स्थानांतरित करते हुए जानकारी विनोद सिन्हा को देने के लिए कहा गया जन सूचना कार्यालय मुख्य चिकित्सा अधिकारी के लिपिक बार बार कार्यालय में पता करने जाने पर आज दिनांक तक मुलाकात नहीं हो रही है दूसरे लिपिक का कहना है कि जयसवाल जी सूचना अधिकार देखते हैं लेकिन वह बाहर रहते हैं उनका बाहर आना जाना लगा रहता है आज दिनांक तक 30 अगस्त 20 21 का जानकारी नहीं देकर जिला स्वास्थ्य विभाग वह अधिकारी द्वारा जानबूझकर भ्रष्टाचार से संबंधित सूचना की जानकारी नहीं देना छिपाना जो दंडनीय अपराध है।


सिन्हा ने आगे बताया कि शहर में जितने भी निजी अस्पताल या नर्सिंग होम का संचालन होता है तो जिला मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी कोरबा का दायित्व है कि निजी स्वास्थ्य संस्थानों का लाइसेंस कार्यरत डॉ कर्मचारी जो उस संस्था में नियुक्त है उनकी प्रमाण पत्रों की जांच आदि करने के बाद ही लाइसेंस जारी करने का नियम है लेकिन इसकी धज्जियां बरसों से उड़ाई जा रही है क्योंकि नियमों से ऊपर भ्रष्टाचार हावी है यही कारण है कि फर्जी डॉक्टर निजी चिकित्सालयों में बरसों से प्रैक्टिस कर रहे हैं बिना लाइसेंस अस्पताल चला रहे हैं मुख्य चिकित्सा अधिकारी को कोई जानकारी नहीं है जो भ्रष्टाचार का घोतक है।
सिन्हा ने जिला प्रशासन से मांग किया है कि स्वास्थ्य विभाग में वर्षों से चले आ रहे भ्रष्टाचार से निपटने के लिए तत्काल जिला मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी को निलंबित कर उच्च स्तरीय जांच कराई की जाए ताकि भविष्य में स्वास्थ्य के प्रति भ्रष्टाचार व आम जनता के जीवन से खिलवाड़ ना हो।