डेढ़ हजार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 15 दिन के भीतर मिलने लगेंगी 204 प्रकार की दवाइयां

भोपाल, 17 फ़रवरी (वेदांत समाचार)।  प्रदेश में 1500 से अधिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को आदर्श बनाया जा रहा है। इसमें छह से आठ माह का समय लगेगा। इसके पहले इन केंद्रों में दवाइयों की उपलब्ध बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। 15 दिनों के भीतर इन केंद्रों पर 204 प्रकार की दवाईयां मरीजों को मिलने लगेंगी।

अभी इनमें 90 से 100 प्रकार की दवाईयां ही मिलती हैं। ये प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहले से चल रहे हैं, जिन्हें आदर्श बनाने की योजना है। इसका मतलब होगा कि ये चौबीस घंटे खुले रहेंगे। इनमें डाक्टर, नर्सेस और अन्य स्टाफ उपलब्ध होगा। अभी नौ तरह की जांचें की जा रही हैं, जिसे बढ़ाकर 45 तरह की जांचे की जाने लगेंगी। भवनों का निर्माण किया जाएगा, बाउंड्रीवाल बनाई जाएंगी। इनमें से 75 फीसद कामों में छह से आठ माह लगेंगे। उसके पहले 204 प्रकार की दवाईयां उपलब्‍ध कराने का लक्ष्य है।

प्रदेश के इन 1500 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 313 शहरी स्वास्थ्य केंद्र भी शामिल है। सभी में एमबीबीएस डाक्टर के एक पद स्वीकृत है। इनमें से 150 में इन डाक्टरों की कमी है। सभी में आयुष डाक्टर के पद भी स्वीकृत है। लेकिन ज्यादातर केंद्रों में इनके पद खाली है। जांचे कम हो रही है। इनमें से कई केंद्रों में दो से तीन स्टाफ ही है जिसके कारण कई बार इन्हें रात में बंद करना पड़ता है। जब केंद्र बंद रहते हैं, तभी कोई मरीज आ गया या प्रसूताएं आ गईं तो मुश्किलें बढ़ जाती हैं। इन तमाम मुश्किलों को देखते हुए मप्र सरकार ने इन स्वास्थ्य केंद्रों को आदर्श स्वास्थ्य केंद्र में बदलने का निर्णय लिया है।

स्वास्थ्य विभाग ने इस काम की जिम्मेदारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मप्र इकाई के संचालक डा पंकज शुक्ला को दी है। वह बीते हफ्ते भोपाल के फंदा गए थे वहां भी एक ग्रामीण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है। जिसकी हालत ठीक नहीं पाई गई। उसमें कई तरह के सुधारों की जरूरत महसूस हुई हैं। ये सभी काम कराए जाने के निर्देश दे दिए हैं। जिले में दो अधिकारियों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को आदर्श बनाने के काम की जिम्मेदारी दी है। इसी तरह प्रदेश के सभी जिलों में अधिकारियों को निर्देश हैं कि वह अपने-अपने जिलों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का परीक्षण करें और उनमें बताई गई सेवाओं को शुरू कराएं। सबसे पहले 204 प्रकार की दवाइयों का स्टाक उपलब्ध कराया जा रहा है।

इन कामों के लिए लगेगा समय— कई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र वर्षों पुराने भवनों में संचालित हो रहे हैं। उनकी छतों व दीवारों से बारिश का पानी लीकेज होता है। कुछ केंद्रों पर पीने के पानी का इंतजाम और बाउंड्रीवाल नहीं है। भवनों की मरम्मत और बाउंड्रीवाल बनाने के काम में छह से आठ माह का समय लगेगा। कुछ स्थानों पर ये काम चालू करा दिए गए हैं।

इन केंद्रों पर न्यूनतम 10 और अधिकतम 15 कर्मचारियों का अमला तैनात किया जाएगा। इस काम में भी समय लगेगा, क्योंकि पहले से स्वास्थ्य विभाग अमले की कमी से जूझ रहा है।ये काम जल्द पूरे होंगे— दवाइयों के अलावा जरूरी उपकरण जल्द उपलब्ध कराए जाएंगे। इनकी खरीदी के टेंडर कर दिए गए हैं। कुछ के टेंडर करने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।