छत्तीसगढ़ : 16 हाथियों के दल ने जमकर मचाया उत्पात, दहशत में ग्रामीण, वन विभाग अलर्ट

कवर्धा,14 फरवरी (वेदांत समाचार)।छत्तीसगढ़ी सीमा से सटे मध्यप्रदेश के डिंडोरी जिला अंतर्गत पिटारी गांव में 16 हाथियों के दल ने जमकर उत्पात मचाया है, जिसमें ग्रामीणों के कई मकान बर्बाद हो गए हैं. बीतR रात गांव के कई मकानों में तोड़-फोड़ करने के बाद हाथियों का दल सोमवार सुबह कवर्धा जिले की ओर बढ़ा है. ये वही हाथी हैं जो 3 महीने पहले कवर्धा जिले के पंडरिया विकासखंड के कई गांव में फसलों को बर्बाद करने के बाद मध्य प्रदेश के कान्हा नेशनल पार्क की ओर चले गए थे. अब ये वापस लौट रहे हैं.

इन हाथियों का लोकेशन पाना है मुश्किल

लौटने के दौरान हाथियों के दल ने पिटारी गांव में जमकर उत्पात मचाया और कई मकानों में तोड़-फोड़ की. जिसके कारण अब कवर्धा वन अमला हाथियों पर नजर बनाए हुए है. यह जंगली हाथी बगैर रेडियो कॉलर आईडी वाले हैं, जिसके कारण इनका लोकेशन मिल पाना मुश्किल होता है. हाथियों के दल का नजरों से ओझल होते ही इनका लोकेशन ढूंढ पाना मुश्किल हो जाता है.

भोजन के लालच में हाथियों का दल जिले के अंदर तक कर सकते है प्रवेश

ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार सोमवार सुबह 11:00 बजे हाथियों का दल पिटारी के जंगल में मौजूद है. जो कि कवर्धा जिला के पंडरिया विकासखंड अंतर्गत ढुरसी गांव से सटा है. हाथियों का दल किसी भी वक्त ढुरसी गांव में दाखिल हो सकता है. इसलिए ग्रामीण के साथ वन अमला भी अलर्ट है. अगर हाथियों का दल ढुरसी गांव पहुंच जाता है तो गांव से लगा हुआ रुखमीदादर गांव भी है जहां गन्ना और बाजरे के फसल अधिक क्षेत्र में फैली हुई है. हाथियों का दल अगर गन्ना, बाजरा के फसल तक पहुंच पाती है तो मुश्किलें और भी बढ़ सकती है. ये दल भोजन की लालच में कवर्धा जिले के काफी अंदर तक दाखिल हो सकते हैं इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा है. अगर ऐसा हुआ तो इन्हें भगा पाना मुश्किल हो जाएगा. वन विभाग के साथ-साथ ग्रामीणों के लिए भी हाथियों की दस्तक मुसीबत खड़ी कर सकती है.

पूरा क्षेत्र नक्सल प्रभावित

इसके साथ ही वन विभाग के सामने बड़ी विडम्बना ये भी है कि ये पूरा इलाका नक्सल प्रभावित है. वन अमला के सामने हाथियों का दल और नक्सलियों की मूवमेंट दोनों के बीच काम करना चुनौतियों से भरा होगा.