आंध्र प्रदेश पुलिस (Andhra Pradesh police) ने शनिवार को विशाखापत्तनम (Visakhapatnam) जिले के अनाकापल्ली (Anakapalli) के पास कोडुरु गांव में 850 करोड़ रुपए के गांजे (cannabis) को जलाकर नष्ट कर दिया. नशीले पदार्थ के जलने से यहां कि हवा निश्चित तौर पर प्रदूषित होने की जगह मदहोश होने लगेगी! जहां इस नशीले पदार्थ को जलाया गया वहां के आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में सिर में दर्द जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. जाहिर है कि इतने अधिक मात्रा में गांजे को जलाया गया है, उसका धुआं तो चारों ओर फैलेगा ही.आंध्र पुलिस ने पिछले साल 1 नवंबर से इस साल 8 फरवरी के बीच ऑपरेशन परिवर्तन के तहत करीब 2 लाख किलोग्राम सूखा गांजा (भांग) को अलग-अलग जगहों से छापेमारी में बरामद किया था.
करीब 3 महीने में 2 लाख किलोग्राम गांजा बरामद
दरअसल, आंध्र पुलिस ने पिछले साल 1 नवंबर से इस साल 8 फरवरी के बीच ऑपरेशन परिवर्तन के तहत करीब 2 लाख किलोग्राम सूखा गांजा (भांग) अलग-अलग जगहों पर छापेमारी कर बरामद किया था. गौरतलब है कि दिसंबर 2021 में आंध्र प्रदेश पुलिस ने 16 राज्यों के 4,606 लोगों को गांजा तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया था.
गांजा की तस्करी माओवादियों की आय का बड़ा सोर्स
बता दें कि गांजा की तस्करी को माओवादियों की आय का एक बड़ा सोर्स बताया जाता है. गांजा तस्करी का अंतर्राज्यीय गिरोह न केवल देश के राज्यों में तस्करी करता है कि बल्कि भारतीय सीमी से सटे इलाकों में भी इस गिरोह सक्रिय बताया जाता है. बताया जाता है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में सख्ती होने के कारण लोगों ने खेतों में उगाकर तस्करी शुरू कर दी. एक्साइज सूत्रों के मुताबिक केरल, आंध्र प्रदेश के लोगों ने सबसे पहले 1990 में ओडिशा के अंगुल जिले के लोगों को गांजा उगाने को प्रोत्साहित किया. गरीब लोगों के लिए गांजा उगाकर बेचना धनोपार्जन का ठीकठाक माध्यम बन गया.
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