सास ने निभाया मां का फर्ज, बेटे की विधवा बहू को 5 साल तक पढ़ाया…लेक्चरर बनाकर अब करवाई दूसरी शादी

राजस्थान (Rajasthan) के सीकर (Sikar) जिले में एक सास ने अनोखी मिसाल पेश की है जहां अपने बेटे की मौत होने के बाद बहू को बेटी की तरह पढ़ा-लिखा 5 साल बाद एक बेटी की तरह उसकी डोली घर से विदा की है. सीकर में रामगढ़ शेखावाटी के ढांढण गांव की एक सरकारी टीचर कमला देवी (kamla devi) ने इस पहल की शुरूआत की जहां 2016 में उसके बेटे की शादी के 6 महीने बाद मौत हो गई थी तो सास ने अपने बेटे की विधवा बहू को बेटी (mother in law love) मान लिया. सास ने बहू को पढ़ाया-लिखाया और एक सरकारी टीचर बनाया. अब 5 साल बाद जब सास ने अपनी बहू को बेटी () की तरह शादी (daughter-in-law’s wedding) कर घर से विदा किया तो प्रदेश भर में हर कोई उनकी तारीफ कर रहा है.

बता दें कि कमला देवी के छोटे बेटे शुभम की शादी 2016 में सुनीता से हुई थी. शादी के तुरंत बाद शुभम एमबीबीएस करने किर्गीस्तान चला गया जहां नवंबर में ब्रेन स्ट्रोक से उसकी मौत हो गई.

सुनीता के सपनों को सास ने दी उड़ान

कमला देवी के बड़े बेटे रजत बांगड़वा बताते हैं कि सुनीता और शुभम की शादी के समय से ही हमारे घर में खुले विचारों का सम्मान होता था. मेरी मां कमला देवी ने शुभम की शादी बिना कोई दहेज लिए की थी. वहीं शादी के बाद भी बहू सुनीता को लगातार पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया.

वहीं सुनीता भी हमेशा से कुछ करना चाहती थी ऐसे में अपनी सास के सहयोग से सुनीता ने एमए, बीएड पूरी की और कई प्रतियोगी परीक्षाएं भी पास की. बता दें कि सुनीता का चयन पिछले साल ही इतिहास लेक्चरार के पद पक हुआ है और फिलहाल वह चूरू जिले के सरदारशहर में पोस्टेड हैं.

अब सरकारी अधिकारी से करवाई बहू की शादी

वहीं शिक्षिका कमला देवी बताती है कि सुनीता के बहू बनकर हमारे घर में आने के बाद उसके परिवार को खुशियों से भर दिया. कमला कहती है कि शादी के बाद हर दिन वह बहू की जगह बेटी बनकर ही इस घर में रही. कमला देवी ने सुनीता की अब शादी मुकेश मावलिया से की है जो खुद भोपाल में एक सरकारी अधिकारी है.

बता दें कि मुकेश की पत्नी की भी कुछ समय पहले सड़क हादसे में मौत हो गई थी. कमला देवी ने आगे कहा कि सुनीता को मैंने मेरी बेटी की तरह लाड-प्यार दिया ऐसे में उसकी शादी भी मैंने मेरी बेटी मानकर ही की.

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