कर्नाटक हिजाब विवाद (Hijab Controversy) के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दूसरी याचिका दाखिल की गई है. यह याचिका यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष बी श्रीनिवास (BV Srinivas) ने दाखिल की है. श्रीनिवास ने याचिका में धर्म के पालन के अधिकार का मुद्दा उठाया है. उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि धर्म के पालन का अधिकार संविधान में मौलिक अधिकार (Fundamental Right) है. श्रीनिवास और पत्रकारिता के एक छात्र ने यह याचिका दायर की है. इसमे कहा गया है, ‘धर्म का पालन करने से रोकना मौलिक अधिकारों का सीधा उल्लंघन है. जिस तरह कई राज्यों में घटनाएं हो रही हैं इसके और ज्यादा फैलने की संभावना है. ऐसे में यह बेहतर और उचित होगा कि शीर्ष अदालत मुद्दे का संज्ञान ले.’
याचिका में कहा गया, ‘हर किसी को अपनी पसंद के कपड़े, पगड़ी-टोपी आदि पहनने और अपने धर्म, अपने रीति-रिवाजों और परंपराओं का पालन करने का अधिकार है. अगर एक छोटी लड़की को हिजाब पहने देखा जाता है, तो यह अपनी पसंद से नहीं हो सकता है. लेकिन बड़ी और वयस्क लड़कियों और महिलाओं में जहां यह उनकी पसंद है, उनके अधिकार की रक्षा की जानी चाहिए. धर्म में विश्वास एक बात है लेकिन धार्मिक कट्टरता एक और पहलू है.’
‘धार्मिक कट्टरता के परिणाम सही नहीं होंगे’
एडवोकेट रूपेश सिंह भदौरिया और मारीश प्रवीर सहाय के जरिये दायर याचिका में कहा गया, ‘धार्मिक कट्टरता के परिणाम सही नहीं होंगे. चाहे यह कट्टरता किसी भी धर्म से जुड़ी हो. कम से कम स्कूलों, कॉलेजों और शैक्षणिक संस्थानों को धार्मिक कट्टरता के खिलाफ लड़ाई के लिए युद्ध का मैदान नहीं बनाया जाना चाहिए.’ उन्होंने कहा कि हिजाब या सिर पर दुपट्टा इस्लाम का अभिन्न अंग है या नहीं, इससे संबंधित विवाद केवल शीर्ष अदालत के विचार और शैक्षणिक संस्थानों के लिए एक समान ड्रेस कोड के मुद्दे पर समाप्त हो सकता है.
धार्मिक कपड़े पहनने पर लगाई रोक
कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) ने गुरुवार को अपने फैसले में स्कूल-कॉलेज में धार्मिक कपड़े पहनने पर रोक लगाई थी और स्कूल कॉलेज को खोलने का निर्देश दिया था. कर्नाटक में चल रहे हिजाब विवाद मामले में हाईकोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ ने सुनवाई करते हुए अपने अंतरिम आदेश में कहा था, ‘हम शिक्षण संस्थान खोलने का आदेश देंगे, सब शांति बनाए रखें. जब तक कोर्ट मामले की सुनवाई कर रहा है तब तक छात्र धार्मिक वस्त्र पहनने की जिद न करें.’
हाईकोर्ट ने कहा था, ‘धार्मिक कपड़े जैसे- हिजाब या फिर भगवा शॉल फैसले के निपटारे तक स्कूल-कॉलेज परिसरों में नहीं पहने जाएंगे. हम सभी को रोकेंगे. क्योंकि हम राज्य में अमन चैन चाहते हैं.’ हाईकोर्ट मुस्लिम छात्राओं की ओर से कॉलेजों में हिजाब बैन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा है. कर्नाटक हाईकोर्ट में इस मामले में सोमवार को अगली सुनवाई होनी है.
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