IPL 2022: सचिन की वजह से एमएस धोनी को नहीं खरीद पाई थी मुंबई इंडियंस, जानिए दिलचस्प कहानी

एमएस धोनी…वो खिलाड़ी जिसे आईपीएल टीम चेन्नई सुपरकिंग्स का दिमाग माना जाता है. खिलाड़ियों को खरीदने से लेकर, मैदान में उतरने की रणनीति तक. कौन सा खिलाड़ी किस रोल के तहत टीम में खेलेगा, ये सबकुछ धोनी (MS Dhoni) ही करते हैं. वो धोनी ही हैं जिनकी चुनी हुई टीम ने चेन्नई (Chennai Super Kings) को चार बार आईपीएल चैंपियन बनाया है. आईपीएल 2020 को छोड़कर हर बार टीम प्लेऑफ तक जरूर पहुंची है. बतौर बल्लेबाज, बतौर कीपर और लीडर के तौर पर धोनी ने चेन्नई को बुलंदियों तक पहुंचाया है. धोनी के बिना फैंस चेन्नई सुपरकिंग्स की कल्पना तक नहीं कर सकते. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आईपीएल की पहली ऑक्शन में एमएस धोनी मुंबई इंडियंस (Mumbai Indians) की टीम में जा सकते थे लेकिन सचिन की वजह से ये फ्रेंचाइजी माही को खरीदने से पीछे हट गई और ये दिग्गज खिलाड़ी चेन्नई सुपरकिंग्स की टीम में आ गया और फिर इस टीम ने आईपीएल पर राज किया.

बात साल 2008 की है जब आईपीएल शुरू होने से पहले खिलाड़ियों की नीलामी हुई. हर टीम अपने साथ आइकन खिलाड़ी चुनना चाहती थी. जैसे वीरेंद्र सहवाग को दिल्ली डेयरडेविल्स अपनी टीम में चाहती थी. पंजाब की टीम युवराज और ऐसे ही मुंबई इंडियंस टीम सचिन तेंदुलकर को टीम में चाहती थी. नीलामी से पहले आयकन खिलाड़ियों का नियम बना. नियम ये था कि आइकन खिलाड़ी को टीम के सबसे महंगे खिलाड़ी से 10 फीसदी ज्यादा पैसा मिलेगा. धोनी किसी भी टीम के आइकन खिलाड़ी नहीं थे क्योंकि उनके राज्य की कोई टीम ही नहीं थी.

चेन्नई ने नहीं लगाया आइकन खिलाड़ी पर दांव

एक ओर जहां सभी टीमें अपने साथ राज्य के आइकन खिलाड़ी को टीम में चाहती थी वहीं दूसरी ओर चेन्नई सुपरकिंग्स की सोच ही अलग थी. चेन्नई किसी आइकन खिलाड़ी को टीम में नहीं चाहती थी. उसका पहला और अंतिम लक्ष्य सबसे पहले महेंद्र सिंह धोनी को खरीदना था. बीसीसीआई चीफ एन श्रीनिवासन ने पीटीआई के साथ खास बातचीत में धोनी को खरीदने को लेकर दिलचस्प खुलासा किया था.

श्रीनिवासन ने कहा, ‘सभी आइकन खिलाड़ी चाहते थे और उन्हें टीम के उच्चतम भुगतान वाले खिलाड़ी की तुलना में 10 फीसदी ज्यादा पैसा मिलना था. इसलिए जब धोनी के लिए बोली लगी तो मैं किसी भी कीमत पर धोनी को खरीदने को तैयार था. धोनी को खरीदने को लेकर मुंबई और चेन्नई के बीच गजब टक्कर हुई. जब धोनी पर 1.5 मिलियन डॉलर की बोली लगी तो मुझे लगता है मुंबई को एहसास हुआ कि उन्हें सचिन को 1.65 मिलियन डॉलर देने होंगे. उस वक्त टीम का पर्स ही पांच मिलियन था. मतलब अगर मुंबई की टीम धोनी को भी खरीदती तो पर्स का 60 फीसदी पैसा तो इन दो खिलाड़ियों को खरीदने में ही खर्च हो जाता. इसलिए मुंबई की टीम रुक गई और हमें धोनी मिल गए.’