बिहार में एमएलसी चुनाव (MLC elections in Bihar) की तारीखों का भले ही ऐलान नहीं हुआ हो लेकिन इसपर सियासत खूब हो रही है. स्थानीय निकाय कोटे से 24 सीटों पर होने वाली एमएलसी चुनाव में खूब घमासान छिड़ा हुआ है. एनडीए और महागंठबबंधन में सीटों पर चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद विरोध मुखर हो गया है. महागठबंधन में कांग्रेस को सीट नहीं मिलने के बाद कांग्रेस पार्टी ने सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी अपने दम पर विधान परिषद का चुनाव लड़ सकती है. उन्होंने सवाल किया है कि केन्द्र में महागठबंधन और बिहार में कुछ नहीं, इसका क्या मतलब है? अजीत शर्मा ने तेजस्वी यादव के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी है. जिसमें उन्होंने कहा है कि कांग्रेस से केंद्र में गठबंधन कायम है. इसपर अजीत शर्मा ने कहा है कि या तो पूरा गठबंधन चले और नहीं तो गठबंधन को पूरी तरह खत्म कर दिया जाए.
लेफ्ट को एक सीट देने के लिए राजी
दरअसल बिहार में एमएलसी चुनाव में आरजेडी ने कांग्रेस को भाव नहीं दिया.आरजेडी ने एक सीट लेफ्ट पार्टी को देकर बांकी 23 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का एलान किया है. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि कांग्रेस के बिहार विधानसभा उपचुनाव में दोनों सीटों पर उम्मीदवार उतारने के बाद आरजेडी कांग्रेस को सबक सिखाने के मूड में है. यही वजह है कि आरजेडी लेफ्ट पार्टी को तरजीह दे रही है लेकिन कांग्रेस को नहीं
कांग्रेस को आरजेडी ने नहीं दिया भाव
कांग्रेस पार्टी ने गठबंधन में आरजेडी को मनाने की पूरी कोशिश की. लेकिन आरजेडी ने भाव नहीं दिया. कांग्रेस के नेता दिल्ली में लालू प्रसाद और तेजस्वी से मुलाकात करने पहुंचे लेकिन उन्हें समय नहीं मिला. इधर आरजेडी के प्रवक्ता उनपर लगातार तंज भी करते रहे, आरजेडी प्रवक्ता मृत्यूंजय तिवारी ने बयान दिया की एमएलसी की सीट सत्यनारायण भगवान का प्रसाद नहीं है जो सबको बांट दें. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस के अखाड़े में पहलवान नहीं और सीट-सीट कर रही है.
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