प्रसिद्ध उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर रखी गई विस्फोटक से भरी कार और उस कार के मालिक मनसुख हिरेन की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी और बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे (Sachin Waze) ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सामने पूछताछ में बड़ा खुलासा किया है. वाजे ने कहा है कि उसका निलंबन रद्द करने के लिए और उसकी पुनर्बहाली के लिए महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) ने दो करोड़ रुपए की मांग की थी. सचिन वाजे ने ईडी पूछताछ में बताया कि उसने दो करोड़ देने में असमर्थता जताई थी. इसके बाद भी देशमुख ने निलंबन रद्द करने की अपील की एक अर्जी देने को कहा. देशमुख ने उसे कहा था कि शरद पवार समेत कुछ लोग नाराज हैं. वे उन्हें मनाने की कोशिश करेंगे.
इसके बाद मुंबई के तात्कालीन पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह को सचिन वाजे का निलंबन रद्द करने का आदेश दिया गया. सचिन वाजे की मुंबई के सीआईयू विभाग में नियुक्ति की गई. फिर उसे बड़े-बड़े केस दिलवाए गए. यही बात परमबीर सिंह (Parambir Singh) ने भी बुधवार को ईडी के सामने कबूल की है.
‘अनिल देशमुख को 4 करोड़ 70 लाख पहुंचाए’
साथ ही सचिन वाजे ने ईडी के सामने यह भी कबूल किया है कि अनिल देशमुख ने उसे मुंबई के बार और रेस्टोरेंट से 100 करोड़ की वसूली के काम में लगाया था. वाजे ने कहा कि उसने वसूली करके 4 करोड़ 70 लाख रुपए अनिल देशमुख को दिए थे. सचिन वाजे ने कहा है कि उसने ये पैसे दिसंबर 2020 से फरवरी 2021 के बीच देशमुख को उनके पीए कुंदन शिंदे के माध्यम से पहुंचाए. ईडी के सामने सचिन वाजे की ओर से 2 करोड़ मांगे जाने और 100 करोड़ की वसूली में लगाए जाने की ये दो बातें कबूल किए जाने के बाद अनिल देशमुख की मुश्किलें बढ़ गई हैं.
‘देशमुख पुलिस ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए अनिधिकृत लिस्ट देते थे’
इसके अलावा कुछ दिनों पहले ईडी पूछताछ में ही राज्य के तात्कालीन मुख्य सचिव सीताराम कुंटे ने भी आरोप लगाया कि अनिल देशमुख उन्हें पुलिस अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के लिए अनधिकृत लिस्ट दिया करते थे. यह लिस्ट वे अपने पीएस संजीव पालांडे के हाथों भिजवाया करते थे. सीताराम कुंटे ने कहा कि अनिल देशमुख उस वक्त गृहमंत्री थे. इस लिहाज से वे पद और कद में सीनियर थे. इसलिए वे देशमुख की कही बातों को मान लिया करते थे.
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