RBI ने एक और कोऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस किया रद्द, पिछले साल लगी थी पैसे निकालने पर पाबंदी

भारतीय रिजर्व बैंक ने महाराष्ट्र (Maharashtra) के एक और कोऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है. यह बैंक अब ग्राहकों को सेवा नहीं दे पाएगा. RBI ने गुरुवार को इस संबंध में एक आदेश जारी कर दिया. आदेश में कहा गया है कि इंडिपेंडेंस को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (Independence Co-operative Bank Ltd) 3 फरवरी, 2022 के बाद कारोबार नहीं कर पाएगा. बैंक की वित्तीय स्थिति को देखते हुए बीते साल भी रिजर्व बैंक ने पाबंदी लगा दी थी. तब के फैसले के कारण ग्राहक 6 महीने तक पैसे नहीं निकाल सकते थे. बैंक की कारोबारी स्थिति में सुधार नहीं होने के बाद रिजर्व बैंक ने अब लाइसेंस रद्द करने का निर्णय लिया है.

महाराष्ट्र के नासिक शहर में स्थित इंडिपेंडेंस को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का लाइसेंस रद्द करते हुए आरबीआई ने संबंधित विभाग और अधिकारियों को भी इस बारे में सूचित कर दिया है. बैंक ने ग्राहकों की जमा राशि को नियम के तहत लौटाने के संबंध में कदम उठाने को भी कहा है. आरबीआई ने अपने फैसले में कहा है कि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी नहीं है और आगे चल कर कमाई की संभावनाएं भी नहीं हैं. ऐसे में लाइसेंस रद्द करना ग्राहकों के हित में है.

5 लाख रुपए तक की रकम पा सकेंगे ग्राहक

आरबीआई के आदेश के मुताबिक, डिपोजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) के तहत बैंक के ग्राहकों को 5 लाख रुपए तक की जमा राशि लौटा दी जाएगी. बैंक के डेटा के मुताबिक, यहां 99 खाताधारक अपनी पूरी रकम पाने के हकदार हैं यानी उनके बैंक खाते में 5 लाख या उससे कम की राशि जमा है. ऐसे में बैंक रद्द करने के फैसले से मात्र 1 प्रतिशत ग्राहक प्रभावित होंगे.

डिपोजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन बीमा योजना के तहत बैंक का प्रत्येक जमाकर्ता अपनी 5 लाख रुपए तक की जमा राशि पर जमा बीमा दावा रकम डीआईसीसी से प्राप्त करने का हकदार होता है.

इंडिपेंडेंस को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड की तरफ से आरबीआई को दी गई जानकारी के मुताबिक, 27 जनवरी, 2022 तक बैंक ने 2.36 करोड़ रुपए ग्राहकों को लौटा दिए हैं. बाकी बचे ग्राहकों के पैसे लौटाने की प्रक्रिया जारी है और इसे जल्द ही पूरा होने की उम्मीद है.