बढ़ते कोरोनाकाल में भी जारी है कोरबा पुलिस की “खाकी के रंग स्कूल के संग”

कोरबा 2 फरवरी (वेदांत समाचार)। छत्तीसगढ़ में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच कोरबा पुलिस के द्वारा शुरू की गई एक नई मुहीम ‘खाकी के रंग स्कूल के संग’ का असर अब कोरबा जिले में दिखने लगा है। जिसमे किशोर वर्ग की लड़कियों ने अपनी सुरक्षा से भलीभांति परिचित हो रहे है। जिससे वे स्वयं को सुरक्षित कर सकें। कोरबा पुलिस द्वारा ‘विश्वास, विकास एवं सुरक्षा’ को पूरा करने के लिए ‘ खाकी के संग स्कूल के रंग’ कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। इस मुहीम के माध्यम से अब किशोर वर्ग में एक नई किरण उभर कर सामने आ रही है। जिसमे छात्राओं को आत्मरक्षा के तरीके सिखाए जाते है तो वहीं नशाखोरी से होने वाले दुष्प्रभावों को भी बताया जा रहा है . खास बात ये कि इस कार्यक्रम का जिम्मा महिला पुलिस अधिकारियों को दिया गया है . इस योजना के अंतर्गत अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं जिनमें तीन महिला अधिकारियों के अधीनस्थ महिला एवं पुरुष कर्मचारियों को रखा गया है . जिनके द्वारा आत्मरक्षा के तरीके सिखाए जाते हैं.

वर्तमान में कोरोना महामारी की तीसरी लहर के बीच स्कूलों में प्रत्यक्ष उपस्थित की बजाय ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इस अभियान का मकसद बच्चों को कानून की सामान्य जानकारी , यातायात के नियम, सायबर ठगी,सोशल मीडिया के उपयोग करते समय सतर्क रहने,बाल विवाह,गुड टच बेड टच,घरेलू हिंसा,पॉक्सो एक्ट महिलाओं एवं बच्चों पर घटित होने वाले अपराध , नशाखोरी से होने वाले नुकसान, अन्य सामाजिक बुराइयों के बारे में जानकारी एवं आपातकालीन खतरों से निपटने हेतु आत्मरक्षा के तरीके सीखाना है .

स्कुल बंद होने के बाद भी जारी रहा प्रशिक्षण


आपको बता दें कि कोरोना के प्रकरण बढ़ने पर भी यह अभियान रुका नहीं है .ऑनलाइन क्लासेस बन्द होने के बाद भी खाकी के रंग स्कूल के संग विद्यार्थी कार्यक्रम जारी है. वर्चुअल माध्यम से संबंधित थाना इलाकों के पुलिस अधिकारी अपने क्षेत्र के स्कूलों के विद्यार्थियों को जागृत करने में लगे हैं . पुलिस अधीक्षक कोरबा भोज राम पटेल खुद पूर्व में शिक्षक रह चुके हैं और वे बच्चों की समस्याओं से लेकर बालिकाओं के सामने आने वाली मुसीबतों से भली भांति परिचित है, यही कारण है कि उन्होंने किशोरों को भटकाव से रोकने अभियान चलाया है.

युवाओं को नशे से दूर रखना है लक्ष्य


पुलिस अधीक्षक पटेल ने कहा कि यदि पुलिस के द्वारा किए जा रहे सकारात्मक एवं रचनात्मक कार्यों से बच्चों को जोड़ दिया जाए तो इसके दूरगामी परिणाम देखने को मिलेंगे, बच्चों को जिस तरह की शिक्षा दी जाएगी बच्चों का भविष्य निर्माण भी उसी प्रकार होगा . इसलिए युवाओं को नशे से दूर रखने और छात्राओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाने के लिए स्कूलों को चुना. जानकारों का मानना है कि इस तरह के अभियान से शिक्षक, विद्यार्थी एवं समाज के बीच पुलिस से रहने वाली दूरी कम होगी . पुलिस को जनता से मधुर संबंध स्थापित करने का मौका मिलेगा, पुलिस के प्रति विश्वास का माहौल कायम होगा और भविष्य में जनता पुलिस का सहयोग करते हुए कानून का शासन स्थापित करने में मददगार होगी.

कोरबा पुलिस कीखाकी के रंग स्कूल के संग” को मुख्यमंत्री ने की सराहना

पिछले दिनों मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा कोरबा पुलिस के समुदायिक पुलिसिंग के अंतर्गत चलाए जा रहे कार्यक्रम “खाकी के रंग स्कूल के संग” को माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा ट्वीट कर उत्साहवर्धन भी किया गया है ।