विपक्ष ने मंगलवार को संसद में पेश 2022-23 के आम बजट (Budget 2022) के लिए सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि सरकार ने देश के वेतनभोगी वर्ग और मध्यम वर्ग को राहत नहीं देकर उनके साथ विश्वासघात और युवाओं की जीविका पर आपराधिक प्रहार किया है. कांग्रेस (Congress) के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने ट्वीट करते हुए कहा, मोदी सरकार के बजट में कुछ नहीं है. मध्यम वर्ग, वेतनभोगी वर्ग, गरीब और वंचित वर्ग, युवाओं, किसानों और एमएसएमई के लिए कुछ नहीं है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट पेश करने से पहले राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा था कि देश की जनता टैक्स वसूली के बोझ से परेशान है जबकि मोदी सरकार के लिए ये टैक्स की कमाई एक बड़ी उपलब्धि है. नज़रिए का अंतर है- उन्हें जनता का दर्द नहीं सिर्फ़ अपना ख़ज़ाना दिखता है.
मोदी सरकार के बजट में कुछ नहीं है : राहुल गांधी
वहीं कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, भारत का वेतनभोगी वर्ग एवं मध्यम वर्ग महामारी, वेतन में चौतरफा कटौती और कमरतोड़ महंगाई के इस दौर में राहत की उम्मीद कर रहा था. वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री ने एक बार फिर से अपने प्रत्यक्ष कर से संबंधित कदमों से इन वर्गों को बहुत निराश किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह वेतनभोगी वर्ग और मध्यम वर्ग के साथ विश्वासघात है. सुरजेवाला ने यह सवाल भी किया कि क्या सरकार ने ‘क्रिप्टो करेंसी’ से होने वाली आय पर कर लगाकर ‘क्रिप्टो करेंसी’ को बिना विधेयक लाए ही वैध करार दिया है?
सीताराम येचुरी ने किया सवाल- बजट किसके लिए है?
माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्वीट किया, बजट किसके लिए है? सबसे अमीर 10 प्रतिशत भारतीय देश की कुल संपत्ति के 75 प्रतिशत के स्वामी हैं. नीचे के 60 प्रतिशत लोग सिर्फ पांच प्रतिशत संपत्ति के मालिक हैं. महामारी के दौरान सबसे अधिक मुनाफा कमाने वालों पर अधिक कर क्यों नहीं लगाया गया? उन्होंने दावा किया, शहरी रोजगार गारंटी के बारे में कोई घोषणा नहीं हुई. मनरेगा के लिए आवंटन पिछले साल के बराबर 73 हजार करोड़ रुपये रहा. युवाओं की जीविका पर आपराधिक हमला हुआ है.
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