RRB NTPC CBT 1 Result: रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड (RRB) द्वारा एनटीपीसी सीबीटी 1 रिजल्ट को लेकर गु्स्साए उम्मीदवारों के लिए रेल मंत्रालय ने प्रेस रिलीज जारी किया है. हालांकि इससे पहले भी रेलवे ने उम्मीदवारों के सभी सवालों का जवाब दिया था. लेकिन उम्मीदवारों का गुस्सा शांत नहीं हुआ. उसके बाद बिहार के कई रेलवे स्टेशनों पर जमकर प्रदर्शन किया गया. इस प्रदर्शन के बाद आरआरबी ने एनटीपीसी सीबीटी 2 (RRB NTPC CBT 2) परीक्षा को निलंबित कर दिया है. हाल ही में रेलवे ने आरआरबी की एनटीपीसी परीक्षा को लेकर उम्मीदवारों द्वारा जताई गई चिंताओं और शंकाओं को दूर करने के लिए कार्रवाई करते हुए उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है.
रेलवे का ध्यान आरआरबी की केंद्रीयकृत रोजगार सूचना के तहत अभी जारी भर्ती परीक्षा के दूसरे चरण के लिए उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया को लेकर कुछ उम्मीदवारों द्वारा जताई गई चिंताओं की ओर आकर्षित किया गया है. इसके परिणाम 14 जनवरी 2022 को घोषित किए गए थे. आरआरबी ने एनटीपीसी के दूसरे चरण के सीबीटी और स्तर एक के प्रथम चरण के सीबीटी को स्थगित कर दिया है.
उच्च-स्तरीय समिति का गठन किय गया है
मौजूदा चयनित उम्मीदवारों और दूसरे चरण के सीबीटी को प्रभावित किए बिना ही एनटीपीसी परीक्षा के प्रथम चरण के कंप्यूटर आधारित टेस्ट (सीबीटी) के परिणामों के संबंध में उम्मीदवारों द्वारा जताई गई चिंताओं पर गौर करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की एक उच्च-स्तरीय समिति का गठन पहले ही किया जा चुका है. उम्मीदवार अपनी चिंताओं और सुझावों को इस समिति में 16 फरवरी 2022 तक निम्नलिखित ई-मेल आईडी rrbcommittee@railnet.gov.in पर दर्ज कर सकते हैं. यह समिति इन चिंताओं पर बारीकी से गौर करने के बाद 04 मार्च, 2022 तक अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करेगी.
रेलवे ने सभी सवालों का जवाब दिया है
भर्ती प्रक्रिया के हिस्से के रूप में आयोजित दूसरे चरण की कंप्यूटर आधारित परीक्षा (सीबीटी) पर उठाए गए सवालों पर आधारित उम्मीदवारों की चिंताओं के जवाब में, रेलवे ने स्पष्ट किया है कि अधिसूचना के लिए यदि आवेदन देने वाले उम्मीदवार, बड़ी संख्या में है और एक करोड़ से अधिक हैं, तो, सीबीटी को दो चरणों में आयोजित करने की सलाह दी जाती है, जिसमें पहले चरण का उपयोग, दूसरे चरण की सीबीटी के लिए उपयुक्त उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग के लिए किया जाता है और सीमित उम्मीदवारों के साथ दूसरे चरण की परीक्षा आयोजित की जाती है, ताकि व्यापक तौर पर सामान्यीकरण न हो तथा अंतिम योग्यता अधिक न्यायसंगत और निष्पक्ष हो.
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