Til Dwadashi 2022: हिंदी पंचांग के अनुसार, षटतिला एकादशी के अगले दिन तिल द्वादशी मनाई जाती है। इस प्रकार, 29 जनवरी को तिल द्वादशी है। इस दिन भगवान श्रीहरि विष्णु जी की पूजा करने का विधान है। साथ ही तिल दान भी किया जाता है। धार्मिक ग्रंथों में निहित है कि अमावस्या और पूर्णिमा तिथियों को गंगा स्नान और दान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही तिल द्वादशी को भी गंगा स्नान और तिल दान करने से व्यक्ति को अमोघ फल की प्राप्ति होती है। आइए, तिल द्वादशी के दिन तिल दान करने के लाभ जानते हैं-
तिल द्वादशी का महत्व
तिल द्वादशी के दिन श्रद्धालु गंगा समेत पवित्र नदियों और सरोवरों में गंगा स्नान करते हैं। साथ ही तिल दान करते हैं। ऐसी मान्यता है कि तिल द्वादशी के दिन गंगा स्नान करने और भगवान विष्णु जी की तिल से पूजा करने पर व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। शास्त्रों में निहित है कि तिल द्वादशी का व्रत करने से व्यक्ति को मरणोपरांत मोक्ष की प्राप्ति होती है।
तिल दान के लाभ
-ज्योतिषों की मानें तो तिल द्वादशी के दिन तिल दान करने से जीवन में व्याप्त सभी परेशानियों का अंत होता है।
-तिल द्वादशी को तिल दान करने से दुःख, दर्द, दुर्भाग्य और कष्टों से मुक्ति मिलती है।
-तिल द्वादशी के दिन तिल युक्त पानी से स्नान करना चाहिए। इससे व्यक्ति के सभी पाप कट जाते हैं।
-करियर को नया आयाम देने के तिल द्वादशी को स्नान ध्यान कर तिलांजलि करें।
-धार्मिक मान्यता है कि पितृ के प्रसन्न रहने से व्यक्ति जीवन में सबकुछ प्राप्त कर सकता है। ज्योतिष पितृ को प्रसन्न करने के लिए अमावस्या और पूर्णिमा तिथियों को तिल तर्पण करने की सलाह देते हैं। साथ ही तिल द्वादशी को तिल दान अवश्य करें।
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