उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) में मोबाइल चोरी के आरोप में पकड़कर लाए गए 17 साल के किशोर की खजुरिया चौकी में पुलिस की पिटाई से मौत हो गई. पुलिस उसे 19 जनवरी को पकड़कर चौकी लाई थी. इस घटना से गुस्साए परिवार वालों ने सैकड़ों ग्रामीणों के साथ शव संपूर्णानगर-खजुरिया मार्ग पर रख दिया और जाम लगाकर प्रदर्शन किया. जब इस बात की सूचना सीओ पलिया और तहसीलदार को लगी तो वो फौरन प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे. सीओ और तहसीलदार ने परिवार वालों को समझाकर जाम खुलवाने की काफी कोशिश की, लेकिन परिवार के लोग मुआवजा दिलाने और आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराने की मांग पर अड़ रहे.
जिसके बाद जब दोनों अधिकारियों ने कार्रवाई का आश्वासन दिया. तब जाकर करीब पांच घंटे बाद जाम खुल सका. मृतक के पिता ने खजुरिया चौकी इंचार्ज और दो सिपाहियों के खिलाफ हत्या की तहरीर पुलिस को दी है.
मोबाइल चोरी के शक में घर से उठाकर ले गए थे पुलिसकर्मी
थाना संपूर्णानगर की खजुरिया पुलिस चौकी के गांव कमलापुरी निवासी लच्छिराम ने बताया कि उनके भाई रामबहादुर का मोबाइल चोरी हो गया था. रामबहादुर को शक था लच्छिराम के बेटे राहुल ने मोबाइल चोरी की है. शक के अधार पर रामबहादुर ने खजुरिया पुलिस चौकी पर राहुल के खिलाफ तहरीर दी थी. चौकी इंचार्ज विपिन कुमार, सिपाही सचिन और महेंद्र 19 जनवरी को घर आए और राहुल को पकड़कर साथ ले गए थे. परिजनों ने बताया कि ग्राम प्रधान ने चौकी पर जाकर दोनों पक्षों के बीच समझौता करा दिया था. समझौते के बाद भी पुलिस ने राहुल को नहीं छोड़ा और शाम तक छोड़ देने की बात कह परिजनों और ग्राम प्रधान को चौकी से चलता कर दिया था.
पुलिस चौकी से रिहा होने के बाद राहुल सीधा अस्पताल गया
आरोप है कि परिवार वालों के वापस आने पर चौकी इंचार्ज और दोनों सिपाहियों ने राहुल की जमकर पिटाई की थी. पिटाई से जब उसकी हालत बिगड़ गई तो घर वालों को बुलाकर राहुल को सौंप दिया था. बेटे की हालत देख परिवार वाले उसे खजुरिया के एक डॉक्टर के पास ले गए और इलाज कराया, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ. इस पर उसे पलिया ले जाकर अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां उसकी रविवार की सुबह मौत हो गई. मौत की खबर मिलते ही ग्रामीणों में रोष फैल गया.
परिवार वाले शव लेकर गांव पहुंचे और खजुरिया-संपूर्णानगर मार्ग पर शव रखकर सैकड़ों ग्रामीणों के साथ पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया. परिजन शव पर चोट के निशानों को दिखाकर पुलिस पर पिटाई कर मार डालने का आरोप लगा रहे थे. पुलिस पिटाई से किशोर की मौत की खबर मिलते ही पुलिस के हाथपांव फूल गए. एसओ संपूर्णानगर अनिल सैनी मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाबुझाकर जाम खुलवाने की कोशिश की, लेकिन लोगों ने उनकी एक नहीं सुनी. मामला बढ़ता देख एसओ ने घटना की जानकारी उच्चाधिकारियों को दी.
पुलिस पर कार्रवाई करने पर अड़ा रहे परिवार
मौके पर पहुंचे सीओ पलिया एसएन तिवारी और तहसीलदार आशीष कुमार सिंह ने परिजनों और ग्रामीणों से वार्ता की और जाम खुलवाने की कोशिश की, लेकिन घर वाले और प्रदर्शनकारी तत्काल मुआवजा दिलाने और आरोपी पुलिस वालों के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कर गिरफ्तार कराने की मांग पर अड़ गए. सीओ ने जांच कर दोषी पुलिसवालों पर कार्रवाई समेत अन्य मांगों को पूरा कराने का आश्वासन दिया. तब जाकर शांत हुए लोगों ने जाम खोला. मृतक के पिता ने चौकी इंचार्ज विपिन कुमार सिंह, सिपाही सचिन व महेंद्र के खिलाफ संपूर्णानगर थाना तहरीर दी.
ग्रामीणों ने सिपाहियों को दौड़ा दौड़ा कर पीटा
जिन सिपाहियों पर राहुल की हत्या का आरोप था. वे फिर से राहुल के गांव पहुंच गए और पुलिसिया रौब दिखाने लगे. जिससे ग्रामीण भड़क गए और आरोपी सिपाहियों की पिटाई शुरू कर दी. ग्रामीणों ने सिपाहियों को पूरे गांव में दौड़ा दौड़ा कर पीटा. सिपाही बचने के लिए जिस घर में घुसते वहीं से पीट कर भगाए जाते. सिपाहियों ने खेतों में घुसकर जान बचाई.
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