रायपुर23 जनवरी (वेदांत समाचार)। नेताजी सुभाषचन्द्र बोस देश के स्वतंत्रता आंदोलन के महानायक थे। उनके राष्ट्र के प्रति त्याग एवं बलिदान की भावना ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को एक बिल्कुल नई दिशा और दशा प्रदान की। राष्ट्र के प्रति उनके समर्पण, देश को आजाद देखने की प्रबल भावना और उनके अदम्य साहस भरे कदमों ने तत्कालीन समय में देश में एक नवीन ऊर्जा एवं उत्साह का संचार किया था। यह बात राज्यपाल अनुसुईया उइके ने अपनी संबोधन में कही। राज्यपाल मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में आयोजित नेताजी सुभाष चंद्र बोस कार्यक्रम में शामिल हुई। कार्यक्रम में 21 विभूतियों का हम परिवार द्वारा सम्मान किया गया। राज्यपाल उइके ने कहा हम फाउंडेशन द्वारा किए गए कार्याें की सराहनीय की।
राज्यपाल ने छिंदवाड़ा के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को याद किया। उन्होंने उन सभी सेनानियों को याद किया, जिनके बारे में लोगों को जानकारी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों के जन्म स्थान पर उनका स्मारक बनाया जाए। राज्यपाल ने कहा कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस जी की जयंती 23 जनवरी के दिन से गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत की जा रही है। उनकी जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
राज्यपाल ने कहा कि नेताजी दूरदृष्टि रखते थे और देश को स्वतंत्र कराने की रणनीति तैयार की। इसके लिए उन्होंने देश को भी छोड़ दिया। आजाद हिन्द फौज की कमान राष्ट्रवादी नेता रासबिहारी बोस ने नेताजी सुभाषचन्द्र बोस को सौंपी। उनके नेतृत्व में आजाद हिन्द फौज को एक संगठित स्वरूप प्रदान किया।
सुश्री उइके ने कहा- आजाद हिन्द फौज के सैनिकों का पहली बार नेतृत्व करते हुए नेताजी ने कहा था कि ‘आजाद हिन्द फौज के सिपाहियों! आज का दिन मेरे जीवन का सर्वाधिक गौरवशाली दिन है। आज मुझे समस्त भारत को यह सूचित करते हुए अपार गौरव और अद्भुत आनन्द का अनुभव हो रहा है कि भारत की स्वाधीनता सेना का निर्माण हो गया है। यह फौज भारत को स्वतंत्र ही नहीं करेंगी वरन् स्वतंत्र भारत की भावी सेना का निर्माण भी इसी के द्वारा होगा।
राज्यपाल ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने ‘तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा‘ का नारा दिया, जिसने हर भारतवासी के हृदय में अवर्णनीय उत्साह एवं ऊर्जा का संचार किया था। आजाद हिन्द फौज में पारस्परिक अभिवादन तथा युद्ध घोषणा के लिए ‘‘जयहिन्द’’ का प्रयोग किया जाता था। इससे राष्ट्रीय एकता को बल मिला। ‘‘जयहिन्द’’ का नारा आजाद हिन्द फौज तक ही सीमित न होकर आज हमारा राष्ट्रीय अभिवादन बन गया है।
नेताजी सुभाषचन्द्र बोस का ओजस्वी व्यक्तित्व, अभूतपूर्व संगठन क्षमता, साहस, निष्ठा एवं नेतृत्व के अद्भुत गुण हमेशा याद किए जाएंगे। उनके विचार एवं आदर्श हमारे लिए धरोहर की तरह है और हमेशा रहेंगे। हम उनके योगदान को कभी नहीं भुला सकते हैं। इस अवसर पर विवेक बंटी साहू व निशिकांत चौधरी एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
कार्यक्रम में विभिन्न प्रतिभाशाली व्यक्तियों का किया सम्मान
कार्यक्रम में 1971 के युद्धों के सैनिक एवं विभिन्न क्षेत्र में उपलब्धि हासिल करने वाले प्रतिभाओं का सम्मान किया गया। रेसलिंग में शिवानी पवार, कुश्ती में पूर्वा ठाकरे, क्रिकेट में निकिता कोलटकर, बैडमिंटन में भाग्य करडे, बैडमिंटन में अभिनय साहू, बालश्री पुरस्कार में मेराज फातिमा, क्रिकेट में सृष्टि नागपुरे, मोटिवेटर में अमन जैन, पावर लिफ्टिंग में अदिती बैरागी, कुश्ती में शिखा मालवी, समाज सेवा में रिंकु मिगलानी, कोविड केयर सेंटर संचालन में अलमास खान, कोविड संक्रमितों की सेवा के क्षेत्र में डॉ. धर्मेन्द्र मरावी, जिला अधिवक्ताओं की समाज सेवा के क्षेत्र में सूर्याेदय ग्रुप और निःशुल्क 3.55 लाख भोजन पैकेट के लिए बड़ी माता मंदिर ट्रस्ट छिंदवाड़ा, सहकारिता के क्षेत्र में के.के. सोनी तथा 1971 के युद्ध में सहभागिता निभाने वाले शंकर लाल पाल, शिवनाथ सिंह ठाकुर, रामा अमरूदिया व रमेश चंद्र विनायक का सम्मान किया है।
राज्यपाल ने डॉक्टर आपके वार्ड रथ को दिखाई हरी झंडी
हम फाउंडेशन भारत और नगरपालिका निगम के संयुक्त तत्वावधान में डॉक्टर आपके वार्ड रथ का राज्यपाल अनसुईया उइके ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
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