Budget 2022: बहुत मुश्किलों में कट रही जिंदगी, जानिए बजट से क्या आस लगाए बैठे हैं ऑटो चालक

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2022 को संसद भवन में देश का बजट पेश करेंगी. हर बार की तरह इस बार भी देश के प्रत्येक वर्ग को इस बजट से काफी उम्मीदें हैं. महामारी का प्रकोर झेल रहे इस देश को सरकार से काफी उम्मीदें हैं. लोगों को भरोसा है कि सरकार मौजूदा समय को देखते हुए उन्हें कुछ राहत प्रदान करेगी. देशभर के करोड़ों ऑटो चालक भी इस बजट से काफी आस लगाए बैठे हैं. 2/5हरियाणा के फरीदाबाद में रहने वाले किरणपाल दिल्ली में ऑटो चलाते हैं. किरणपाल बताते हैं कि महंगाई के इस जमाने में सिर्फ ऑटो चलाने से घर-परिवार का पालन-पोषण करने में काफी मुश्किलें आ रही हैं. वे बताते हैं कि कोरोनावायरस और इसकी वजह से लगाई जाने वाली पाबंदियों की वजह से उनके काम पर बहुत बुरा असर पड़ता है.हरियाणा के फरीदाबाद में रहने वाले किरणपाल दिल्ली में ऑटो चलाते हैं. किरणपाल बताते हैं कि महंगाई के इस जमाने में सिर्फ ऑटो चलाने से घर-परिवार का पालन-पोषण करने में काफी मुश्किलें आ रही हैं. वे बताते हैं कि कोरोनावायरस और इसकी वजह से लगाई जाने वाली पाबंदियों की वजह से उनके काम पर बहुत बुरा असर पड़ता है. 3/5किरणपाल कहते हैं कि कोरोना वायरस के मौजूदा हालातों में काम काफी कम हो गया है. ऐसे में घर-परिवार चलाने के साथ-साथ ऑटो में गैस भी भरवाना है, ऑटो का मेंटेनेंस भी देखना है और ऑटो की ईएमआई भी समय-समय पर भरनी है. लेकिन, अभी सड़कों पर दिनभर चक्कर लगाने के बाद भी मुश्किल से 700-800 रुपये का ही काम हो पा रहा है.किरणपाल कहते हैं कि कोरोना वायरस के मौजूदा हालातों में काम काफी कम हो गया है. ऐसे में घर-परिवार चलाने के साथ-साथ ऑटो में गैस भी भरवाना है, ऑटो का मेंटेनेंस भी देखना है और ऑटो की ईएमआई भी समय-समय पर भरनी है. लेकिन, अभी सड़कों पर दिनभर चक्कर लगाने के बाद भी मुश्किल से 700-800 रुपये का ही काम हो पा रहा है. 4/5किरणपाल की मानें तो 700-800 रुपये का काम करने में भी 250 से 400 रुपये तक की गैस लग जा रही है क्योंकि इस समय सवारी ढूंढने के चक्कर में उन्हें सड़कों पर खाली ऑटो दौड़ाने पड़ता है. देश की आम जनता की तरह किरणपाल भी इस बजट से काफी उम्मीदें लगाए बैठे हैं. किरणपाल चाहते हैं कि सरकार ऑटो चालकों की ओर भी ध्यान दें और ऐसी मुसीबत की घड़ी में उनकी कुछ मदद की जाए.किरणपाल की मानें तो 700-800 रुपये का काम करने में भी 250 से 400 रुपये तक की गैस लग जा रही है क्योंकि इस समय सवारी ढूंढने के चक्कर में उन्हें सड़कों पर खाली ऑटो दौड़ाने पड़ता है. देश की आम जनता की तरह किरणपाल भी इस बजट से काफी उम्मीदें लगाए बैठे हैं. किरणपाल चाहते हैं कि सरकार ऑटो चालकों की ओर भी ध्यान दें और ऐसी मुसीबत की घड़ी में उनकी कुछ मदद की जाए. 5/5किरणपाल चाहते हैं कि सरकार सीएनजी गैस की कीमतों में कटौती करे. उन्होंने कहा कि यदि सीएनजी गैस की कीमतों में कटौती करना संभव नहीं है तो ऑटो रिक्शा वालों के लिए सीएनजी पर सब्सिडी दी जाए. वे कहते हैं कि सरकार को ऑटो रिक्शा की खरीद पर सस्ता लोन और कम ब्याज दर पर ईएमआई का विकल्प देना चाहिए, जिससे कम कमाई होने पर भी आसानी से चुकाया जा सके.किरणपाल चाहते हैं कि सरकार सीएनजी गैस की कीमतों में कटौती करे. उन्होंने कहा कि यदि सीएनजी गैस की कीमतों में कटौती करना संभव नहीं है तो ऑटो रिक्शा वालों के लिए सीएनजी पर सब्सिडी दी जाए. वे कहते हैं कि सरकार को ऑटो रिक्शा की खरीद पर सस्ता लोन और कम ब्याज दर पर ईएमआई का विकल्प देना चाहिए, जिससे कम कमाई होने पर भी आसानी से चुकाया जा सके.