टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने की अनुमान से ज्यादा कमाई, रिलायंस जियो का सबसे ज्यादा योगदान

टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने चालू वित्त वर्ष में अब तक नॉन- टैक्स रेवेन्यू के रूप में 69179 करोड़ रुपए की कमाई की है. बजट 2021 में सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए टेलीकॉम सेक्टर की कमाई का लक्ष्य 54886 करोड़ रुपए रखा था. यह उससे कहीं ज्यादा है. माना जा रहा है कि अगले कुछ महीने में इस कमाई में और ज्यादा उछाल आएगा. टेलीकॉम कंपनियों की तरफ से वैधानिक बकाया की तीसरी और चौथी किस्त जमा की जाने वाली है. 69 हजार करोड़ की कमाई में आधा से ज्यादा हिस्सा केवल रिलायंस जियो से आया है. रिलायंस जियो ने चालू वित्त वर्ष में अब तक 41 हजार करोड़ का पेमेंट किया है. इसमें जियो की तरफ से स्पेक्ट्रम की खरीदारी का पेमेंट शामिल है.

अक्टूबर 2021 में जियो इंफोकॉम ने 10792 करोड़ का स्पेक्ट्रम चार्ज जमा किया था. इसी सप्ताह कंपनी ने 30791 करोड़ का स्पेक्ट्रम चार्ज जमा किया है. भारती एयरटेल ने दिसंबर 2021 में सरकार को 15519 करोड़ का स्पेक्ट्रम चार्ज जमा किया था. हालांकि, एक्सपर्ट्स का कहना है कि वोडाफोन आइडिया और एयरटेल ने चार सालों के मोराटोरियम का विकल्प चुना है. इसके कारण सरकार की कमाई प्रभावित रहेगी.

तिमाही आधार पर करना पड़ता है पेमेंट

नियम के मुताबिक, डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम को हर तिमाही टेलीकॉम ऑपरेटर्स से स्पेक्ट्रम चार्ज और लाइसेंस फीस मिलनी चाहिए. इसके अलावा टेलीकॉम कंपनियां नीलामी में बैंडविथ खरीदती हैं. इन्हें बैंडविथ के लिए इंस्टॉलमेंट भी जमा करना होता है. यह सरकार के लिए नॉन टैक्स रेवेन्यू है. टेलीकॉम कंपनियों को बैंडविथ खरीदने के बाद तिमाही आधार पर पेमेंट करते रहना पड़ता है. बता दें कि रिलायंस जियो और एयरटेल ने सरकार को स्पेक्ट्रम चार्ज का प्री-पेमेंट किया है जिसके कारण सरकार की कमाई बढ़ गई है.

अंबानी को करना है 37184 करोड़ का और पेमेंट

मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो ने इसी सप्ताह करीब 30800 करोड़ का पेमेंट किया है. जियो एकमात्र कंपनी है जिसने मोराटोरियम का फायदा नहीं उठाया है. जानकारों का मानना है कि इससे कंपनी के हर साल करीब 1200 करोड़ रुपए बचेंगे. सरकार की तरफ से सितंबर 2021 में टेलीकॉम राहत पैकेज का ऐलान किया गया था. मार्च 2021 में जियो ने स्पेक्ट्रम खरीदा था. हाल में किए गए पेमेंट के बावजूद कंपनी को अभी 37184 करोड़ का और पेमेंट करना है.