दुनियाभर में कोरोनावायरस (Corona Virus) टीकों को लेकर बहस जारी है. खासकर ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) के आने के बाद से वैक्सीन की प्रभावशीलता को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं. इस बीच एक स्टडी में पाया गया है कि स्पूतनिक-वी (Sputnik V) टीके की दो डोज कोरोनावायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट को बेअसर करने में फाइजर वैक्सीन की दो खुराक की तुलना में दोगुना तक प्रभावी हैं. बताया गया है कि इस स्टडी के लिए लोगों को स्पूतनिक-वी और फाइजर के टीके लगाए गए थे.
बाद में ऐसे लोगों को वर्गीकृत कर के उनके सीरम का तुलनात्मक अध्ययन किया गया. यह स्टडी इटली के स्पैलनजानी संस्थान में की गई. स्पूतनिक की निर्माता गमालेया नेशनल रिसर्च सेंटर ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी और रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) ने गुरुवार को इससे जुड़ी जानकारी दी.गमालेया सेंटर और स्पैलनज़ानी इंस्टीट्यूट के संयुक्त अध्ययन ने दिसंबर 2021 में अलग-अलग प्रकाशित अध्ययनों में प्राप्त परिणामों की पुष्टि की है.
स्पूतनिक लाइट बूस्टर तीन महीने बाद लिया जाता
रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) ने बताया कि गामालेया सेंटर द्वारा किए गए प्रयोगशाला अध्ययन से पता चला है कि स्पूतनिक वी वैक्सीन और एक शॉट स्पुतनिक लाइट बूस्टर कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के खिलाफ प्रभावी थे.स्पूतनिक लाइट के साथ हेटेरोलॉगस बूस्टिंग अन्य टीकों की शक्ति को ओमिक्रॉन के खिलाफ बढ़ाने का समाधान है और यह बूस्टर सुरक्षा अवधि को भी बढ़ाता है. स्पूतनिक लाइट बूस्टर, टीकाकरण के 2-3 महीने बाद लिया जाता है यह ओमिक्रॉन वायरस को निष्क्रिय करने की गतिविधि को काफी बढ़ाता है.
स्पुतनिक वी का मिक्स एंड मैच
गमालेया सेंटर के निदेशक अलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग ने एक बयान में कहा, ‘ठोस वैज्ञानिक डेटा साबित करते हैं कि स्पूतनिक-वी में ओमिक्रॉन स्वरूप को बेअसर करने की क्षमता अन्य टीकों की तुलना में अधिक है और यह टीका इस नए संक्रामक स्वरूप के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में प्रमुख भूमिका निभाएगा.’अध्ययन के निष्कर्षों का हवाला देते हुए, गामालेया सेंटर और आरडीआईएफ ने कहा कि ‘मिक्स एंड मैच” दृष्टिकोण के तहत स्पूतनिक लाइट से ओमिक्रॉन स्वरूप के साथ-साथ कोविड-19 के खिलाफ एमआरएनए टीकों की कम प्रभावशीलता को ठीक करने में मदद मिल सकती है.
आपको बता दें, स्पूतनिक-वी ओमिक्रॉन के खिलाफ 75 प्रतिशत तक प्रभावी है. गमालेया प्रमुख ने कहा कि अगर किसी को छह महीने में स्पूतनिक लाइट बूस्टर डोज दी जाती है तो इस नए वायरस के खिलाफ उसकी सुरक्षा 100 प्रतिशत तक बढ़ जाती है. उन्होंने आगे कहा कि जब किसी को कोई भी वैक्सीन डोज दी जाती है तो उसकी प्रभावशीलता 21 गुना कम हो जाती है, जबकि स्पुतनिक वी में यह केवल आठ गुना कम होती है. हालांकि, इतनी सुरक्षा अभी भी पर्याप्त है.
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