शराबबंदी के नाम पर छाती पीटने वाले भाजपाई मप्र की शराब नीति पर चुप क्यों है : आरपी सिंह

रायपुर20 जनवरी (वेदांत समाचार)। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आर पी सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ भारतीय जनता पार्टी के नेताओं पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि शराब को लेकर छत्तीसगढ़ भाजपा के नेताओं की नीति हमेशा से दोहोरी रही है। जब तक डॉक्टर रमन सिंह की सरकार सत्ता में थी उन्होंने शराब ठेकेदारों के हाथ से शराब का व्यवसाय छीन कर उसका सरकारी करण कर दिया। रमन सिंह के इस निर्णय के साथ ही शराब दुकानों से निकलकर गांव गांव तक पहुंच गई। उस समय ठेके पर कोचीए नियुक्त कर दिए गए थे जो अवैध रूप से शराब की गंगा गली-गली तक में बहाते थे तब भाजपा को शराबबंदी की याद नहीं आती थी। लेकिन जैसे ही सत्ता हाथ से चली गई शराब से अथाह प्रेम की जगह दिखावटी शराब विरोध ने ले ली। छत्तीसगढ़ की जनता को अच्छे से याद है कि शराब माफियाओं के साथ हर चौक चौराहे पर डॉ रमन सिंह की तस्वीरें लगी रहती थी। अब भी शराब कारोबारियों से भाजपा नेताओं के मित्रता और निकटता किसी से छुपी हुई नहीं है।

आरपी सिंह ने कहा है कि आज मध्य प्रदेश में जो शराब की नीति लागू की गई है उसके अनुसार शराब की कीमतों में 10 से 15 प्रतिशत की कमी की जाएगी, राज्य के सभी हवाई अड्डों में शराब की प्रीमियम दुकानें खोली जाएंगी, मध्य प्रदेश के नागरिक अपने घरों में अब चार गुना ज्यादा शराब स्टाक कर सकेंगे, लोग अब घर में ही बार खोल सकेंगे, पर्यटन स्थलों पर बार खोलने के लाइसेंस दिए जाएंगे और तो और लाइव बियर फैक्ट्री लगाने की अनुमति भी दी जाएगी। शराब के उदारीकरण को लेकर ऐसी नीति संभवतः किसी राज्य में नहीं है फिर भी छत्तीसगढ़ के भाजपा नेता शिवराज सरकार की इस नीति पर चुप बैठे हैं! यह बताता है कि भारतीय जनता पार्टी के पास कोई नीति और नियत नहीं है। हमेशा से भाजपा अवसरवादी पार्टी रही है जितने चेहरे उतनी जुबान है। जहां जैसी आवश्यकता हो वहां वैसी बातें की जाती हैं अगर छत्तीसगढ़ भाजपा के नेताओं में जरा सा भी नैतिक साहस बचा है तो मध्य प्रदेश की शराब नीति का विरोध करके दिखाएं अन्यथा इस बात को स्वीकार कर ले कि वे दोहरी नीति पर चलने वाले अवसरवादी लोग हैं।

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