आम लोगों को सेना में भर्ती होने के लिए करें प्रोत्साहित

रायपुर 19 जनवरी (वेदांत समाचार)।  छत्‍तीसगढ़ राजभवन में मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल अनुसुईया उइके ने रायपुर कलेक्टर सौरभ कुमार और दुर्ग कलेक्टर डा. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे को सम्मानित किया। दोनों कलेक्टरों को 2019-20 और 2020-21 में सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष में सर्वाधिक योगदान के लिए गवर्नर ट्राफी से सम्मानित किया गया। इसमें रायपुर को प्रथम पुरस्कार व दुर्ग को द्वितीय पुरस्कार मिला है।

साथ ही रायपुर जिले के जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कैप्टन अनुराग तिवारी (सेवानिवृत्त) को प्रथम पुरस्कार व दुर्ग जिले के जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कैप्टन पुरनेंदु विद्यांता (सेवानिवृत्त) को द्वितीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।राजभवन के कांफ्रेंस हाल में मंगलवार को सैनिक कल्याण बोर्ड की अमलगमेटेड स्पेशल फंड (विशेष एकीकृत निधि) के प्रबंधन समिति की 13वीं बैठक हुई। इसमें राज्यपाल ने कहा कि झंडा दिवस पर अधिक से अधिक निधि एकत्रित करने का प्रयास करें। इसमें अन्य संस्थाओं से भी सहयोग लें।

साथ ही आम लोगों को सेना में भर्ती के लिए प्रोत्साहित करें और बेटियों को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें। राज्यपाल ने कहा कि राज्य के दूरस्थ जिलों में भी में भी भूतपूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना (ईसीएचएस पालीक्लीनिक) व कैंटीन भंडार विभाग (सीएसडी कैंटीन) की व्यवस्था सुनिश्चित करें।साथ ही सैनिक कल्याण बोर्ड सेना, अर्द्धसैनिक बल और पुलिस में भर्ती के लिए युवाओं को कोचिंग की सुविधा प्रदान करें। उन्होंने विश्वास जताया कि भूतपूर्व सैनिकों और उनके स्वजनों के कल्याण के कार्यों में इससे मदद मिलेगी।

बढ़ा आर्थिक सहायता का दायरा राज्यपाल की अध्यक्षता में हुई इस इस बैठक में द्वितीय विश्व युद्ध के नान-पेंशनर व उनकी विधवाओं को चिकित्सा के लिए प्रतिमाह दी जा रही आर्थिक सहायता राशि को तीन हजार से बढ़ाकर सात हजार करने का फैसला किया गया। भूतपूर्व सैनिकों/विधवाओं के मानसिक रूप में बीमार बच्चों को 25 वर्ष (पुत्र व अविवाहित पुत्रियों के लिए) के स्थान पर आजीवन आर्थिक सहायता देने, भूतपूर्व सैनिकों/विधवाओं के अनाथ बच्चों (केवल दो बच्चों तक) को दी जाने वाली आर्थिक सहायता की राशि 10 हजार से बढ़ाकर 25 हजार करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई।

सिलाई मशीन खरीदने के लिए दी जाने वाली सहायता भी 10 हजार से बढ़ाकर 25 हजार करने का फैसला किया गया। भूतपूर्व सैनिकों की कैंसर से पीड़ित विधवाओं को इलाज के लिए जा रही आर्थिक सहायता राशि को 25 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपये प्रतिवर्ष करने के प्रस्ताव पर सहमति दी गई।

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