कोच्चि 17 जनवरी (वेदांत समाचार)। कोरोना संक्रमण की चपेट में आये प्रख्यात पर्यावरणविद एमके प्रसाद का 17 जनवरी 2022 दिन सोमवार को कोरोना संक्रमण की चपेट में आने से निधन हो गया। श्री प्रसाद केरल की साइलेंट वैली में सदाबहार उष्णकटिबंधीय वर्षा वनों को विनाश से बचाने के लिए ऐतिहासिक जमीनी स्तर के आंदोलन में एक प्रमुख व्यक्ति रहे। प्रसिद्ध पर्यावरणविद प्रोफेसर एम के प्रसाद का निधन सोमवार की सुबह हुआ। वह 89 वर्ष के थे। उन्होंने यहां एक निजी अस्पताल में कोविड से संबंधित जटिलताओं के इलाज के दौरान अंतिम सांस ली।
श्री प्रसाद 1970 के दशक में पलक्कड़ जिले में साइलेंट वैली में एक पनबिजली परियोजना स्थापित करने के राज्य सरकार के कदम के खिलाफ राष्ट्रीय आंदोलन के पीछे एक मार्गदर्शक थे। पारिस्थितिकीविदों के अथक दबाव के आगे झुकते हुए, सरकार को इस परियोजना को छोडऩे के लिए मजबूर होना पड़ा था। 80 के दशक की शुरुआत में तत्काल प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा साइलेंट वैली वनों की रक्षा करने का आश्वासन दिए जाने के बाद संघर्ष को बंद कर दिया गया था। कालीकट विश्वविद्यालय के प्रो वाइस चांसलर और महाराजा कॉलेज, एर्नाकुलम के प्रिंसिपल के पद सहित केरल में विभिन्न शैक्षणिक पदों पर रहे प्रसाद ने पर्यावरणीय मुद्दों और लोकप्रिय विज्ञान पर मलयालम में कई किताबें भी लिखी। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने पारिस्थितिक आंदोलनों के नेता के रूप में प्रसाद के योगदान को याद करते हुए उनके निधन पर शोक व्यक्त किया। पूर्व पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीसन ने भी प्रसाद के निधन पर शोक व्यक्त किया।
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