144 साल पुराने सिकंदराबाद क्लब में लगी आग, करोड़ों की संपत्ति का नुकसान

हैदराबाद (Hyderabad) के सिकंदराबाद क्लब (Secunderabad club) में भीषण आग लग गई. देखते ही देखते आग पूरे क्लब में फैल गई. इस आग में क्लब का सबकुछ जलकर राख हो गया. घटना की जानकारी फायर विभाग (Fire department)  को दी गई. जिसके बाद दमकल की 10 गाड़ियां मौके पर पहुंची. लेकिन आग इतनी भयावह थी कि दमकल की टीम को आग बुझाने में लगभग 4 घंटे लग गए. हालांकि, इस आग में पुस्तकालय, कोलोनेड बार और प्रशासनिक कार्यालय पूरी तरह से जलकर नष्ट हो गया. इसी के साथ करोड़ों की संपत्ति जलकर स्वाहा हो गई. क्लब में आग कैसे लगी इसकी अब तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है. अधिकारियों को आशंका है कि आग शॉर्ट सर्किट के कारण लगी. फिलहाल पुलिस जांच में जुट गई है. शनिवार को संक्रांति पर्व के कारण क्लब बंद था.

फायर ब्रिगेड के अधिकारियों ने बताया कि सुबह तीन बजे इस ऐतिहासिक इमारत में आग लगी. उन्होंने बताया कि आग बुझाने में फायर ब्रिगेड की 10 गाड़ियों को लगाया गया. लेकिन आग पूरी तरह से फैल चुकी थी. जिसके कारण उसे बुझाने में लगभग चार घंटे का समय लग गया. आग बुझाने तक क्लब पूरी तरह से जलकर राख हो गया था. दमकल विभाग के अधिकारियों ने बताया कि आग बुझाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी, क्योंकि क्लब के अंदर कई ज्वलनशील पदार्थ थे. जिनसे संभवतः विस्फोट भी हुआ था.

1878 में हुआ था सिकंदराबाद क्लब का निर्माण

हैदराबाद स्थित यह क्लब ऐतिहासिक विरासतों में शामिल था. प्रमुख विरासत संरक्षणविद अनुराधा रेड्डी ने बताया कि सिकंदराबाद क्लब का निर्माण 1878 में ब्रिटिश शासन में सैन्य अधिकारियों के लिए किया गया था. यह लगभग 20 एकड़ में फैला है. केंद्र सरकार ने 2017 में इसे भारतीय विरासत स्थल के रूप में मान्यता दी और डाक टिकट जारी किया. सिकंदराबाद क्लब देश के सबसे पुराने क्लबों में से एक है. अनुराधा रेड्डी भी इस क्लब की सदस्य भी हैं. रेड्डी इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चर हेरिटेज की संयोजक हैं. उन्होंने कहा कि यह क्लब मेरे घर के बिल्कुल नजदीक है. मुझे सुबह इस घटना की जानकारी मिली. उन्होंने किसी घटना के कारण क्लब में आग लगने की संभावना जताई है.

सिकंदराबाद क्लब के हैं 8000 सदस्य

सौ साल से अधिक पुराने इस क्लब को हैदराबाद मेट्रोपॉलिटन ऑथोरिटी ने 2017 में विरासत का दर्जा दिया था. यह क्लब पहले सिकंदराबाद गैरीसन क्लब, सिकंदराबाद जिमखाना क्लब और यूनाइटेड सर्विसेज क्लब के नाम से जाना जाता था. 1947 तक क्लब के सभी अध्यक्ष  ब्रिटिश थे. इस क्लब के 8000 सदस्य हैं. इनमें मिलिट्री अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी, कूटनीतिज्ञ, पुलिस अधिकारी, पेशेवर, वैज्ञानिक और बिजनेसमैन शामिल हैं. क्लब में 300 कर्मचारी काम करते हैं.

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