सस्पेंड IPS ने ब्यूरो के दफ्तर में बिताईं रातें, गुस्से में अफसरों को घूरा, बोले- मेरे वकील को बुलाओ

छत्तीसगढ़ 14 जनवरी (वेदांत समाचार)। पुलिस के सस्पेंड सीनीयर IPS अफसर जीपी सिंह को शुक्रवार शाम को कोर्ट में पेश किया गया। खबर है कि पुलिस एक सप्ताह की पुलिस रिमांड ले सकती है। बुधवार को जीपी सिंह को कोर्ट में पेश किया गया था। तब अदालत ने दो दिनों की रिमांड पर भेजा था। जीपी सिंह ने दो रातें ACB के दफ्तर में ही बिताईं। दफ्तर में ही उनके सोने के लिए बेड का बंदोबस्त किया गया था, यहीं उनके खाने-पीने की व्यवस्था की गई।

दो दिनों तक ACB के अफसरों के सवालों के जवाब जीपी सिंह ने नहीं दिए। जीपी सिंह यहां सिर्फ अपने वकील को बुलाने की जिद करते रहे। गुस्से में कई बार ACB के अफसरों को घूरा, संपत्ति के बारे में पूछे गए गई सवालों के जवाब देने की बजाए वो चुप रहे। कई बार झुंझलाकर वकीलों को बुलाने को कहा।

अब उम्मीद जताई जा रही है कि जीपी सिंह से उनके घर से जब्त की गई संपत्ति के दस्तावेज और अन्य सबूतों के बारे में फिर से पूछताछ करने के लिए पुलिस 7 दिनों की रिमांड मांग सकती है। इसके लिए अदालत में पुलिस अर्जी देगी। जीपी सिंह के बचाव पक्ष के वकील इस कार्रवाई को गलत ठहरा रहे हैं। वकीलों का दावा है कि जीपी सिंह को पुलिस रिमांड में नहीं रखा जाना चाहिए क्योंकि उनसे पूछताछ की जा चुकी है।

जीपी बोले- FIR ही गलत
दो दिन पहले कोर्ट में पेश किए जाने के दौरान जीपी सिंह कह चुके हैं कि जो FIR उनके खिलाफ दर्ज की गई है वो पूरी तरह से गलत है। जो संपत्ति उनके नाम बताई जा रही है वो उनकी नहीं है और ना ही उनका उससे कोई लेना-देना है। उन्होंने तब कहा था कि ये पूरा केस फैब्रीकेटेड (रचा हुआ) है।

इस वजह से जीपी पुलिस कस्टडी में

  • 1 जुलाई की सुबह 6 बजे ACB-EOW की टीमों ने रायपुर, राजनांदगांव और ओडिशा में एक साथ छापा मारा।
  • जीपी सिंह पर FIR दर्ज की गई। दूसरे दिन शुक्रवार को दिन भर की जांच के बाद 5 करोड़ की चल-अचल संपत्ति का खुलासा हुआ। 10 करोड़ की संपत्ति मिलने और इसके बढ़ने की आधिकारिक जानकारी दी गई।
  • रायपुर में एक युवक से मारपीट, भिलाई में सरेंडर करने वाले नक्सल कमांडर से रुपयों का लेन-देन, रायपुर में एक केस में आरोपी की मदद का इल्जाम भी जीपी सिंह पर लगा है। इन पुराने केस की फिर से जांच की जा रही है।
  • इन तमाम मामलों के बीच 5 जुलाई को राज्य सरकार ने ADG जीपी सिंह को एक आदेश पत्र में यह लिखते हुए निलंबित कर दिया कि एक अफसर से ऐसी अपेक्षा नहीं थी।