छत्तीसगढ़ में रोजगार पर विपक्ष का वार तो मंत्रियों ने आंकड़े किए सार्वजनिक

रायपुर 14 जनवरी (वेदांत समाचार)।  प्रदेश में रोजगार के मुद्दे पर छिड़ी सियासी बहस में पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह के बाद अब सरकार के दो वरिष्ठ मंत्री रविंद्र चौेबे और डा. शिव डहरिया कूद पड़े हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में पांच लाख लोगों को रोजगार देने की बात लोकवाणी कार्यक्रम में कही थी। डा. रमन ने इसे सिरे से खारिज करते हुए सरकार पर झूठ बोलने का आरोप लगाया था।दरअसल, जनवरी के पहले सप्ताह में सेंटर फार मानिटरिंग इंडियन इकोनामी (सीएमआइई) की रिपोर्ट आई, जिसे लेकर घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन में पत्रकारों से चर्चा में कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि सीएमआइई की रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर 2.1 फीसद है, जबकि देश की बेरोजगारों की दर 7.9 फीसद है।

रमन सरकार में बेरोजगारी दर 22.2 फीसद थी। चौबे ने कहा कि जनता के बीच झूठ फैलाने के लिए पूर्व सीएम रमन सिंह से माफी मांगें। चौबे ने कहा कि पांच में से चार सिंह प्रदेश से गायब हो गए हैं। डा. रमन गाहे-बगाहे दिख जाते हैं। चौबे ने कहा कि इन सब आंकड़ों को लेकर भाजपा के लोग हास्यास्पद बातें कर रहे थे। हम उनसे सिर्फ दो सवाल करना चाहते हैं।

पहला यह कि क्या वे सीएमआइई के आंकड़ों को झूठा कहना चाहते हैं। अगर आंकड़े सही हैं, तो छत्तीसगढ़ में रोजगार के आंकड़े कैसे गलत हो सकते हैं। नौकरियां सिर्फ राजधानी या बड़े शहरों में ही नहीं दी गईं, बल्कि विकासखंडों और पंचायत स्तर तक पहुंची हैं। चौबे ने भाजपा सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि रमन सरकार में सिर्फ आउटसोर्सिंग से नौकरी दी जाती थी।

15 साल में 15 बार पीएससी का आयोजन तक नहीं किया गया। चौबे ने स्पष्ट किया कि पांच लाख लोगों में सरकारी नौकरी, कौशल विकास और स्वरोजगार में उपलब्ध कराया गया है। कांग्रेस ने सरकार का खजाना नौकरी, रोजगार, स्वरोजगार, स्वावलंबन और छत्तीसगढ़ के स्वाभिमान के लिए खोला है।

रमन बोले- मंत्री चौबे की बुद्धि पर आती है तरस

पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन ने कहा कि रविंद्र चौबे की बुद्धि पर तरस आता है। कम से कम चौबे से यह उम्मीद नहीं थी। सीएमआइई की रिपोर्ट को देखें तो एक महीने के आंकड़े 2.2 फीसद आए हैं। रिपोर्ट का तुलनात्मक अध्ययन करें।भाजपा के तीन साल 2016 में 3.47, 2017 में 4.1 और 2018 में 2.67 फीसद रहा। जबकि कांग्रेस सरकार में जनवरी 2019 में 7.7, जनवरी 2020 में 3.7 और जनवरी 2021 में 6.4 फीसद था। डा. रमन ने कहा कि नवयुवकों को ठगा जा रहा है। पांच लाख की लिस्ट देखकर कह सकता हूं कि ये दावे झूठे हैं।

भाजपा ने लबरा भूपेश तो कांग्रेस ने चलाया बेरोजगार रमन कैंपेन रोजगार को लेकर कांग्रेस और भाजपा इंटरनेट मीडिया पर भी भिड़े हुए हैं। भाजपा ने लबरा सीएम भूपेश कैंपेन चलाया तो इसके जवाब में कांग्रेस ने बेरोजगार रमन कैंपेन। भाजपा ने सरकार की असफलता को लेकर कैंपेन शुरू किया है। लबरा है भूपेश कैंपेन में सरकार के चुनावी घोषणाओं को पूरा नहीं करने पर घेरा जा रहा है। इसमें पार्टी पदाधिकारी, सांसद, विधायकों ने ट्वीट किया है।

युवाओं की बेरोजगारी, किसानों की आत्महत्या, शराबबंदी और नवा रायपुर में ठप विकास कार्यों को लेकर ट्वीट किया जा रहा है। वहीं कांग्रेस नेता, विधायक, मंत्री बेरोजगार रमन कैंपेन में भाजपा सरकार के समय की बेरोजगारी सहित रमन राज की गड़बड़ियों को लेकर पोस्ट कर रहे हैं।

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