स्वामी प्रसाद मौर्य बोले- मैं वारंट से नहीं डरता, MLA मुकेश वर्मा का दावा- 100 BJP विधायक हमारे साथ

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले भारतीय जनता पार्टी से नेताओं के जाने का सिलसिला जारी है. स्वामी प्रसाद मौर्य और दारा सिंह (Dara Singh) के बाद गुरुवार को 2 विधायकों मुकेश वर्मा (Mukesh Verma) और विनय शाक्य (Vinay Shakya) ने भी बीजेपी को अलविदा कह दिया. उधर योगी सरकार में आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी (Dharam Singh Saini) के भी इस्तीफ़ा देने की ख़बरें हैं हालांकि उन्होंने खुद इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है. मुकेश वर्मा ने पार्टी से इस्तीफ़ा देने के बाद दावा किया है कि करीब 100 विधायक ऐसे हैं जो पार्टी छोड़ सकते हैं.

उधर TV9 भारतवर्ष से बातचीत में स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा- ”भारतीय जनता पार्टी ने गैर जमानती वारंट निकालकर सोचा था कि स्वामी प्रसाद मौर्य को डरा देंगे, धमका देंगे. एक गैर जमानती वारंट नहीं एक दर्जन आएंगे, जितने गैर जमानती वारंट आएंगे उतनी ही ताकत से स्वामी प्रसाद मौर्य भी हमला करेगा. मेरे इस्तीफे के ठीक 1 दिन बाद आया गैर जमानती वारंट, नादान बच्चा भी जान सकता है चाबी कहां से भरी गई है. मेरा घर अब बागियों का हेडक्वार्टर बन गया है.”

100 विधायक संपर्क में होने का दावा

उधर शिकोहाबाद विधानसभा सीट (Shikohabad, Firozabad) से बीजेपी विधायक मुकेश वर्मा (BJP MLA Mukesh Verma ) ने पार्टी से इस्तीफ़ा देने के बाद दावा किया है कि ‘हमारे साथ 100 विधायक हैं और भाजपा को रोज इंजेक्शन लगेगा.’ उन्होंने कहा कि बीजेपी अगड़ों की पार्टी है और वहां दलितों और पिछड़ों का सम्मान नहीं है. दावा किया कि पिछड़ों को टारगेट करके नौकरी नहीं लगने दी. वर्मा ने कहा ‘भाजपा दलित, अल्पसंख्यक और पिछड़ा विरोधी है.’

गुरुवार को BJP की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद मुकेश वर्मा ने कहा ‘स्वामी प्रसाद मौर्य हमारे नेता हैं और वह जो भी फैसला करेंगे, हम उसका समर्थन करेंगे.’ वर्मा ने दावा किया कि आने वाले समय में और भी नेता उनके साथ आएंगे. भाजपा सरकार द्वारा 5 वर्ष के कार्यकाल में दलित, पिछड़ों और अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं व जनप्रतिनिधियों को कोई तवज्जो नहीं दी गई व दलित, पिछड़ों किसानों व बेरोजगारों की उपेक्षा की गई. इसकारण मैं भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं.

स्वतंत्र देव सिंह को भेजी चिट्ठी

इस चिट्ठी में मुकेश ने कहा कि जिन गरीबों, शोषितों और वंचितों के प्यार और वोट से भाजपा 300 सीटों के पार सीटें जीती थी, उनका ही सबसे ज्यादा शोषण किया गया. इससे बुरी बात और क्या हो सकती है. वर्मा ने कहा कि पांच साल तक लगातार कहा गया कि सरकार सबका हित करेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

यूपी बीजेपी चीफ स्वतंत्र देव सिंह को भेजे इस्तीफे में वर्मा ने कहा ‘पिछले 5 वर्ष की सरकार में दलित, पिछड़ों और अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं व जन प्रतिनिधियों को तवज्जो नहीं दी गई और ना ही सम्मान दिया गया.स्वामी प्रसाद मौर्य जी शोषित-पीड़ितों की आवाज हैं और वह हमारे नेता हैं, मैं उनके साथ हूं.’ बता दें चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के बाद शाहजहांपुर से रोशन लाल वर्मा, बिल्हौर से भगवती प्रसाद सागर ने भी भाजपा से इस्तीफा दे दिया है. ये दोनों विधायक मौर्या के करीबी बताए जाते हैं.

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