मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में ऑनलाइन गेमिंग के चक्कर में बहुत से युवा और बच्चों की जान चली गई है. इस बात को ध्यान में रखते हुए सरकार ऑनलाइन गेमिंग पर नियंत्रण के लिए जल्द ही एक्ट लाने जा रही है. गृह मंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा (Home Minister Dr. Narottam Mishra) की मानें तो राज्य सरकार ने इसका ड्राफ्ट भी तैयार कर लिया है. इससे ऑनलाइन गेमिंग से जुड़ी गतिविधियों को नियंत्रित किया जाएगा. कानून अमल में आने पर ऑनलाइन गेमिंग संचालित करने वाली कंपनियों पर शिकंजा कसा जा सकेगा. साथ ही बिना अनुमति इस तरह की गतिविधियां संचालित करने वालों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की जा सकेगी.
दरअसल, फ्री फायर (free fire game) जैसे ऑनलाइन गेम की वजह से कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं. बुधवार को भी राजधानी में पांचवीं क्लास के छात्र सुर्यांश ने इस गेम के कारण फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. सूर्यांश फ्री फायर गेम खेलने का शौकीन था. गृह मंत्री ने कहा कि यह गंभीर विषय है. इस तरह के गेम से दुखद घटनाएं सामने आ रही है. इस तरह ही घटनाओं को रोकने के लिए कानून जल्द लागू किया जाएगा.
सुर्यांश ने तीन महीने पहले भी की थी आत्महत्या की कोशिश
पेरेंट्स ने पुलिस को बताया कि मोबाइल के अलावा टीवी में भी वो गेम खेलता था. गेम का बेटे पर इस कदर जुनून सवार था कि उसने गेम फाइटर की ड्रेस भी खुद ही ऑनलाइन मंगाई थी. बता दें कि करीब 3 महीने पहले भी सूर्यांश ने सुसाइड करने की कोशिश की थी, लेकिन उस समय उसे मां ने बचा लिया था.
गेम में पैसे हारने पर रची थी अपहरण की झूठी कहानी
उज्जैन के जीवाजीगंज थाना क्षेत्र में रहने वाले एक किशोर ने मोबाइल गेम में डेढ़ हजार रुपये खर्च होने पर खुद के अपहरण की झूठी कहानी रच डाली थी. डेढ़ हजार रुपये खर्च होने पर माता-पिता की डांट से वो घर छोड़कर इंदौर चला गया था. ऐसे ही एक मामला सामने आया था. देवास में मोबाइल पर गेम खेलते हुए 11वीं के एक छात्र की मौत का हो गई थी. गेम खेलते-खेलते वो बिस्तर पर गिर गया था और जब परिजन उसे अस्पताल लेकर पहुंचे तो डाक्टरों ने छात्र को मृत घोषित कर दिया था.
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