पोड़ी-उपरोड़ा : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिषर भीतर निर्माणाधीन भवन संदेहास्पद, स्थगन की हुई मांग

कोरबा/पोड़ी उपरोड़ा 11 जनवरी (वेदांत समाचार)। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिषर के भीतर बन रहा भवन संदेहास्पद प्रतित हो रहा है,बताया जा रहा है इस निर्माण कार्य की कोई निविदा या टेंडर जारी नही हुआ है,बल्कि किसी निजी व्यक्ति को लाभ पहुँचाने की मंशा से निजी लागत लगाकर भवन निर्माण किया जा रहा है।सस्ती दवाई दुकान के नाम पर अनुसंशित निर्माणाधीन भवन कई तरह से सवाल खड़ा कर रहा है।

जिला कोरबा के ब्लाक पोड़ी उपरोड़ा अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिषर भीतर भवन निर्माण कार्य चल रहा है।बताया जा रहा है कि इस भवन निर्माण के लिए कोई निविदा जारी नही की गई है और नही ही किसी तरह का टेंडर जारी हुआ है अब बिना टेंडर के शासकीय परिषर में बन रहा भवन संदेहास्पद स्थिति बया कर रहा है,आखिर यह भवन किस मद से निर्माण हो रहा और इसकी लागत कितनी है?इस बारे में अभी तक कोई जानकारी सामने नही आई है, बस भवन निर्माण तीव्र गति से जारी है।

सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार यह भवन निर्माण सरकार की धनवंतरी योजना सस्ती दवाई दुकान खोलने के लिए किया जा रहा है,यहाँ आमजन को मार्केट से बहुत कम दर पर जेनेरिक दवाइयां मिलेंगी,सस्ती दवाई दुकान का टेंडर प्राप्त व्यक्ति स्वयं की लागत से परिषर की संकुचित भूमि पर भवन निर्माण करा रहा है मजे की बात यह है कि इन्हें भवन निर्माण की अनुशंसा भी कर दी गई है।जबकि मुख्यमंत्री सस्ती दवा दुकान योजना के क्रियान्वयन हेतु नगरीय निकायों द्वारा सोसायटी को उपलब्ध कराए जाने वाले भवनों का न्यूनतम किराया ,छत्तीसगढ़ नगर पालिका निगम अधिनियम 1956 अंतर्गत छत्तीसगढ़ नगर पालिका निगम(अचल संपत्ति का अंतरण) नियम 1994 के प्रावधानों को शिथिल करते हुए 02/- प्रति वर्गफुट प्रतिमाह एवं नगर पालिका परिषदों/नगर पंचायतो की दशा में छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम 1961 के अंतर्गत छत्तीसगढ़ नगर पालिका(अचल संपत्ति का अंतरण) नियम 1996 के प्रावधानों को शिथिल करते हुए 01/- प्रति वर्गफुट प्रतिमाह निर्धारित किया गया है।

जनऔषधि केंद्र संचालक ने लगाया आरोप

जनऔषधि केंद्र पोड़ी उपरोड़ा संचालक ने इस आबंटन को द्वेषपूर्ण बताते हुए गलत करार दे दिया है, इन्होंने कहा कि मेरे द्वारा दिनांक 10.01.2019 को पोड़ी उपरोड़ा खंड चिकित्सा अधिकारी को आबंटन हेतु आवेदन प्रस्तुत किया था,लेकिन आजपर्यंत तक जवाब तलब नही किया गया और आबंटन हो गया।केंद्र संचालक ने इस अनुमोदित प्रक्रिया को गलत करार देते हुए जिला कलेक्टर महोदया से भवन निर्माण कार्य पर स्थगन आदेश जारी करने आवेदन प्रस्तुत किया है।

पूर्व से अस्पताल परिसर का मुख्य द्वार बागवानी की भेंट चढ़ चुका है रही सही जगह पर इस भवन ने कसर पूरी कर दी।अस्पताल परिषर में बन रहे उक्त भवन से पार्किंग स्थल खत्म हो गया साथ ही अतिसंवेदनशील एम्बुलेंस जैसी सुविधा के लिए भी पर्याप्त जगह नजर नहीं आती है जो स्वतंत्र रूप से मरीज को समय रहते सुविधा प्रदान कर सके।कई दफा एम्बुलेंस को पर्याप्त स्थान नही मिलने व मार्ग बाधित होने से मरीज को समय पर एम्बुलेंस सुविधा नही मिल पाती है जिसका खामियाजा सीधे मरीजो को भोगना पड़ता है।

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