पीएम मोदी की सुरक्षा में सेंध: पंजाब सरकार ने गृह मंत्रालय को दिया जवाब, कहा- कोई चूक नहीं, मामला जांच का विषय

पंजाब सरकार (Punjab Government) ने बुधवार को फिरोजपुर दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की सुरक्षा में चूक लगने की बात को स्वीकार करने से साफ इनकार कर दिया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry ) को लिखे पत्र में राज्य सरकार ने कहा कि यह मामला जांच का विषय है. पंजाब सरकार की ओर से केंद्र को सौंपी गई रिपोर्ट के मुताबिक, घटना के सिलसिले में प्राथमिकी दर्ज की गई है और राज्य सरकार ने खामियों की जांच के लिए दो सदस्यीय समिति का गठन किया है.

पंजाब के मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी ने गुरुवार देर रात गृह मंत्रालय को भेजे गए पत्र में कहा कि सरकार ने मामले को देखने के लिए पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति मेहताब सिंह गिल की अध्यक्षता में दो सदस्यीय आयोग का गठन किया है. पत्र में यह भी कहा गया कि सड़क नाकाबंदी की जांच के लिए फिरोजपुर जिले के कुरालगढ़ पुलिस स्टेशन में अज्ञात प्रदर्शनकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे पर हुई कथित सुरक्षा चूक की जांच कर रहा केंद्र का एक दल शुक्रवार को फिरोजपुर पहुंचा.

केंद्र की तीन सदस्यीय समिति प्रधानमंत्री के पांच जनवरी के दौरे के घटनाक्रम के बारे में विवरण हासिल करेगी. यह दल पहले फिरोजपुर के पास प्यारेयाना फ्लाईओवर पहुंचा और पंजाब पुलिस तथा प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत की. पैनल का नेतृत्व कैबिनेट सचिवालय के सचिव (सुरक्षा) सुधीर कुमार सक्सेना कर रहे हैं और इसमें खुफिया ब्यूरो के संयुक्त निदेशक बलबीर सिंह और विशेष सुरक्षा समूह के आईजी एस सुरेश शामिल हैं.

केंद्र ने समिति को जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने को कहा है. इस बीच, आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि पंजाब के मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी ने बुधवार को प्रधानमंत्री के दौरे पर हुई घटनाओं को लेकर सिलसिलेवार जानकारी साझा की है. पंजाब सरकार ने सुरक्षा में चूक की जांच के लिए गुरुवार को दो सदस्यीय समिति का गठन किया था. समिति तीन दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. गौरतलब है कि पंजाब में बुधवार को प्रदर्शनकारियों द्वारा नाकेबंदी करने के कारण प्रधानमंत्री का काफिला फिरोजपुर में फ्लाईओवर पर कुछ देर तक फंसा रहा था.

इसके बाद वह एक रैली सहित किसी भी कार्यक्रम में शामिल हुए बिना पंजाब से दिल्ली लौट गए थे. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी राज्य सरकार को तत्काल रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश देते हुए कहा था कि उसने आवश्यक तैनाती सुनिश्चित नहीं की थी. गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि प्रधानमंत्री के दौरे पर सुरक्षा प्रक्रिया में इस तरह की लापरवाही पूरी तरह से अस्वीकार्य है और जवाबदेही तय की जाएगी. इस घटना से एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने आरोप लगाया है कि पंजाब में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने प्रधानमंत्री को ‘‘शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचाने की कोशिश की’’. जबकि अन्य दलों ने भी कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर राज्य सरकार पर हमला किया.
केंद्र ने भी मामले की जांच के लिए गुरुवार को तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है.

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