कोरोना संकट के बीच 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव, सुप्रीम कोर्ट में पहुंची रैली और जनसभाओं पर रोक की मांग

देश में एक ओर कोरोना के मामले फिर से तेजी से बढ़ते जा रहे हैं तो दूसरी ओर 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly elections 2022) को लेकर रैली और जनसभाओं का दौर जारी है, जिसमें भारी भीड़ भी जुट रही है. ऐसे में आगामी चुनावों को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है. याचिका में चुनावी राज्यों में होने वाली रैली और सभाओं पर रोक लगाने की गुहार लगाई गई है.

वकील चंदन कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल करके चुनावी राज्यों में हो रही राजनीतिक रैलियों और जन सभाओं पर रोक लगाने की मांग की गई है. कोर्ट में अर्जी दाखिल कर चुनाव आयोग को भी यह निर्देश देने की मांग की गई है कि चुनाव आयोग सभी रैलियों को वर्चुअल तौर पर कराने का आदेश जारी करे.

‘रैलियों को लेकर आदेश का पालन नहीं हो रहा’

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई अर्जी में यह भी आरोप लगाया गया है कि चुनाव आयोग ने राजनीतिक रैलियों को लेकर जो आदेश और गाइडलाइंस जारी की है, उसका पूरी तरह से पालन नहीं किया जा रहा है. याचिका में कहा गया है कि इतना ही नहीं पिछले कई चुनावों में भी घोर लापरवाहियां देखने को मिली थीं, उसके नतीजे सभी ने देखे. लिहाजा गाइडलाइंस का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करवाया जाए.

इससे पहले उत्तराखंड में आगामी विधानसभा चुनाव को स्थगित करने के मांग करने वाली याचिका हाईकोर्ट में दाखिल की जा चुकी है. उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कल बुधवार को चुनाव आयोग से आगामी विधानसभा चुनाव में वर्चुअल रैलियों और ऑनलाइन वोटिंग (Online Voting) पर विचार करने के लिए कहा.

उत्तराखंड में भी चुनाव को लेकर याचिका दाखिल

आगामी विधानसभा चुनाव को स्थगित करने के मांग करने वाली अधिवक्ता शिव भट्ट द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट की एक बेंच ने वर्चुअल रैलियों और ऑनलाइन वोटिंग का सुझाव दिया. मामले की अगली सुनवाई 12 जनवरी के लिए सूचीबद्ध की गई है.

साथ ही हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि वह कोरोना के लिए बनी जिला निगरानी समिति की रिपोर्ट फाइल करे. याचिका में कोरोना के बढ़ते मामलों का हवाला देता हुए विधानसभा चुनाव को टालने की मांगी की गई है. याचिका में यह भी कहा गया कि चुनावी सभाओं में कोरोना नियमों का पालन नहीं हो रहा है. लिहाजा नेताओं को चुनावी सभा ऑनलाइन हो. याचिका में आरोग लगाया गया है कि कोरोना लगातार बढ़ा रहा है और सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है.

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