झारखंड के सिमडेगा जिले में भीड़ द्वारा एक युवक को पत्थरों और लाठियों से मारने के बाद आग के हवाले करने के मामले में 13 नामजद समेत कुल 38 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी. वहीं मृतक की पत्नी ने मौके पर मौजूद पुलिस कर्मियों पर मदद न करने का आरोप लगाया है.
हालांकि, सूत्रों का कहना है इस मामले में अबतक किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है. सिमडेगा के पुलिस अधीक्षक शम्स तबरेज ने बताया कि मंगलवार की इस घटना के संबन्ध में 13 लोगों के खिलाफ नामजद एवं 25 अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है. इस बीच, मृतक संजू प्रधान की पत्नी ने आरोप लगाया है कि उसने मौके पर मौजूद पुलिस कर्मियों से पति को बचाने गुहार लगाई थी लेकिन कोई मदद नहीं मिली.
पुलिस तमाशबीन बनकर देखती रही
उसका दावा है कि भीड़ ने जब संजू को जलाया तब वह जिंदा था. संजू प्रधान की पत्नी ने कहा कि वह भी वहां से 100 मीटर की दूरी पर थी. उसने लोगों को रोकने का प्रयास भी किया. उसने सिमडेगा पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जब भीड़ उसके पति को मार रही थी, तब पुलिस तमाशबीन बनकर बस देख रही थी. उसने पुलिसवालों के पैरों में गिरकर मदद करने की गुहार लगाई. वह अपने पति संजीव प्रधान को बार-बार बचाने के लिए चीखती चिल्लाती रही. लेकिन एक भी पुलिसवाले ने मदद करना जरूरी नहीं समझा. जिसका परिणाम था कि आक्रोशित भीड़ ने संजू प्रधान को मारकर जिंदा आग के हवाले कर दिया.
CM हेमंत सोरेन ने दिए कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश
इस संबन्ध में पूछे जाने पर सिमडेगा के पुलिस अधीक्षक शम्स तबरेज ने कोई टिप्पणी नहीं की और कहा कि पूरे मामले की जांच की जायेगी. घटना की जानकारी मिलने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर उपायुक्त को मामले की जांच कर कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिये थे. घटना के बाद मौके पर पहुंचे अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) डेविड ए डोडराय ने बताया था कि ग्रामीणों की भीड़ ने लकड़ी तस्करी का आरोप लगाकर 32 वर्षीय संजू प्रधान पर पहले पत्थरों और लाठियों से हमला किया और फिर उसे आग के हवाले कर दिया. यह घटना सिमडेगा जिले के कोलेबिरा थाना क्षेत्र अंतर्गत बेसराजरा बाजार के पास हुई थी.
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