खेल हममें एकता,नेतृत्व और अनुशासन के गुण विकसित करता है – डॉ. संजय गुप्ता

कोरबा 5 जनवरी (वेदांत समाचार)। खेल प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का एक हिस्सा है और यह उतना ही जरुरी है जितना शरीर के लिए भोजन जरुरी है । विद्यार्थी जीवन में मानसिक बोझ और थकान को हल्का करने का एक साधन है तो वह है खेल और यह बेहद जरुरी है कि यह खेल हमारी शारिरिक क्रियाकलापों से जुड़े हैं। खेलों से विद्यार्थियों मे अनुसाशासन; प्रतिस्पर्धा; परिश्रम की भावना उत्पन्न होती है; जो बच्चों को अपने जीवन के लक्ष्य को हासिल करने में सार्थक सिद्ध होती है।


इस विशेष उद्देश्य को लक्ष्य कर दीपका स्थित इंडस पब्लिक स्कूल में छात्रों के लिए नववर्ष के उपलक्ष्य में फुटबॉल सद्भावना मैच का आयोजन किया गया। जिसमें आई0पी0एस0 लॉयन एवं दीपका फाइटर की टीमों ने हिस्सा लिया। उत्साह पूर्वक खेल दिखाते हुए आई0पी0एस0 लायन ने दीपका फाइटर को 5 गोल से शिकस्त दी। आई0पी0एस0 लॉयन ने 50 मिनट के मैच में लगातार उम्दा प्रदर्शन करते हुए दीपका फाइटर को चारों खाने चित कर दिया,वहीं दीपका फाइटर ने महज 3 गोल दागकर ही घुटने टेक दिए। आई0पी0एस0 लॉयन की टीम में प्रमुख रुप से सक्षम राठौर,मितुल गौतम, सुधीर यादव,भीष्मदेव, शक्ति प्रसाद,ऋषभ सिंह,कुलदीप,श्लोक टोप्पो, अमन पटेल एवं पीयुष ने बेहतर प्रदर्शन किया वहीं दीपका फाइटर की टीम से अमित, दिव्यांश, अखिल कंवर, शुभम यादव, हितेष, आयुष अग्रवाल, रोशन सिंह, रिषभ सिंह, सौम्य साहू,सारांश ने मैच में अपनी भागीदारी निभाई। दीपका फाइटर की टीम से भावीष एवं सारांश तथा आयुष ने बेहतर प्रदर्शन कर सबका दिल जीता। विद्यालय के शिक्षक श्री श्याम टंडन एवं हेमलाल श्रीवास ने अंपायर की भूमिका में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।बच्चों की प्रतिभा को आगे लाने एवं प्रोत्साहित करने के लिए मैच में बेस्ट मिड फिल्डर के रुप में सक्षम को, बेस्ट गोलकीवर-श्लोक, और बेस्ट रनर का खिताब रिषभ को दिया गया।

श्रीमती सोमा सरकार(शैक्षणिक समन्वयक) ने कहा कि आज के आधुनिक और प्रगतिशील युग में मानच जल्द ही अपना विकास करना चाहता है और सब कुछ जल्दी ही पा लेना चाहता है।वह समय के साथ इतनी तेजी से दौड़ लगाता है कि अपना शारिरिक और मानसिक संतुलन संभाल नहीं पाता।एंसं समय में फिर सं अपने जीवन में संतुलन लाने के लिए वह खेलों की तरफ मुड़ता है।आज के इस भाग-दौड़ और तनाव भरी जिंदगी से दुर होने के लिए व्यक्ति खेलों की ओर मुड़ा है।बच्चों के शारिरिक और मानसिक विकास के लिए जीवन में खेल का भी अपना विशेष महत्व है। इससे हमारे जीवन में अनुशासन के साथ ही साथ नेतृत्व की भावना का भी विकास होता है।हमारे शरीर में स्फूर्ति रहती है एवं हमारा दिल एवं दिमाग तरोताजा रहता है।


इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता ने सभी खिलाड़ियों को उत्साहित एवं प्रेरित करते हुए विद्यार्थीकाल जीवन निर्माण का समय होता है। इस समय मनुष्य को भावी जीवन के लिए स्वयं को तैयार करना होता है। सफल व सुखद भविष्य के लिए मनुष्य का स्वस्थ, शिक्षित, गुणवान और चरित्रवान होना आवश्यक है। छात्रावस्था में उसको इन सबको अर्जित करने का अवसर प्राप्त होता है। कहावत प्रसिद्ध है कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है। खेल मनुष्य को शारीरिक तथा मानसिक रुप से स्वस्थ बनाते हैं।नियमित रुप से कोई खेल खेलने से चित्त प्रसन्न रहता है।खेल से शारीरिक अंगों का ठीक तरह विकास होता है। मन में उल्लास और उत्साह रहने से मनुष्य को जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता मिलती है।शरीर के साथ मन और मस्तिष्क के विकास में भी खेल सहायक होते हैं।खेल हममें एकता,नेतृत्व,भाईचारा और अनुशासन के गुण विकसित करता है। खेल मनुष्य के व्यक्तित्व निर्माण करने में भी सहायक होते हैं।खेलों से परस्पर सम्मान और स्नेह का भाव भी बढ़ता है। इस तरह खेल हमें गुणवान और चरित्रवान बनाते हैं।