⭕ इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के विद्यार्थियों ने किया शैक्षणिक भ्रमण, एसीबी इंडिया लिमिटेड चाकाबुडा ताप विद्युत संयंत्र का भ्रमण कर रोमांचित हुए बच्चे।
⭕ इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के बच्चों ने जाना कोयले से किस तरह बिजली उत्पादन किया जाता है ।
⭕ इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के छात्र-छात्राओं ने जाना थर्मल पावर प्लांट की कार्यविधि ।
⭕ शैक्षणिक भ्रमण से बच्चों के ज्ञान में वृद्धि होती है-डॉ. संजय गुप्ता
कोरबा 2 जनवरी (वेदांत समाचार)। शैक्षणिक भ्रमण शिक्षा का एक अभिन्न अंग है। इससे छात्रों को सीखने का अवसर मिलता है साथ ही उन्हें सबके साथ सहयोग और सामंजस्य स्थापित करने का भी मौका मिलता है।बच्चों को केवल किताब ही सभी चीजें नहीं सिखा सकती वे प्रकृति की खुली किताब से बहुत कुछ सीख सकते हैं जिसका अमिट असर उनके मनो मस्तिष्क पर आजीवन बना रहता है। शैक्षणिक भ्रमण में जहाँ एक ओर बच्चे आपस में घुलमिल जाते हैं वहीं वे विद्यालय के शिक्षकों के साथ भी अपने व्यवहार के प्रति सहज हो जाते हैं। विद्यार्थियों और शिक्षकों के मध्य दूरी कम होती है एवं एक-दूसरे के प्रति प्रेम व सहयोग का वातावरण निर्मित होता है।
शैक्षणिक भ्रमण के द्वारा छात्र खुले वातावरण में शिक्षा को अपने व्यक्तिगत अनुभवों से परिभाषित करते हैं। इससे छात्रों में एक अनुभूति जागृत होती है जिससे वे भारत की विभिन्नताओं जैसे इतिहास, विज्ञान, शिष्टाचार और प्रकृति को व्यक्तिगत रुप से जान सकते हैं, इसके अतिरिक्त छात्रों में समूह में रहने की प्रवृत्ति, नायक बनने की क्षमता तथा आत्मविश्वास एवं भाईचारे की भावना प्रबल होती है।
दीपका स्थित इंडस पब्लिक स्कूल के कक्षा 9वीं, 10वीं, 11वीं एवं 12 वी के छात्र-छात्राओं को नए साल के स्वागत के अवसर पर शैक्षणिक भ्रमण के लिए एक बहुत ही शानदार स्थल पर ले जाया गया। नवमी से 12 वीं तक के विद्यार्थियों को कोरबा जिले में स्थित एसीबी इंडिया लिमिटेड पावर स्टेशन चाकाबुडा भ्रमण के लिए ले जाया गया ।
गौरतलब है कि यह शै़क्षणिक भ्रमण विद्यालय के समन्वयक सब्यसाची सरकार सर, रसायन विज्ञान के प्रमुख अमरेंद्र कुमार, भौतिकी विज्ञान प्रमुख मनोज कुमार, वाणिज्य विभाग प्रमुख सुशांत मुखर्जी, अंग्रेजी विभाग प्रमुख शिक्षिका निवेदिता स्वाई के कुशल नेतृत्व में आयोजित किया गया।
बच्चों को सर्वप्रथम प्लांट प्रबंधन के वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा ससम्मान अंदर प्रवेश कराया गया, तत्पश्चात महाप्रबंधक अरविंद कुमार सिंह ने बच्चों को अपना परिचय देकर पावर प्लांट की विशेषता एवं कार्यशैली में प्रकाश डाला गया। एसीबी इंडिया लिमिटेड भारत की एक प्रमुख ताप विद्युत संयंत्र कंपनी है जो चाकाबुड़ा में 2007 में युनिट-1 एवं 2014 में युनिट-2 की शुरूआत की तत्पश्चात विद्यार्थियों को दो समूह में विभजित कर उद्योग का भ्रमण कराया गया। दोनों समूह में कंपनी के अलग-अलग अधिकारी की अगुवाई में उद्योग का भ्रमण कराया गया। श्री एस. के. पांडेय एवं श्री दीपक साहू ने बच्चों की प्रत्येक शंकाओं का समाधान किया। श्री एस. के. पांडेय एवं श्री दीपक ने बताया कि कैसे पावर प्लांट का उपयोग कर विद्युत उत्पादन किया जाता है। जब बिजली के उत्पादन के लिए कोयले का प्रयोग किया जाता है तो आमतौर पर पहले इसका चूरा बनाया जाता है और तब बॉयलर युक्त फर्नेस में जलाया जाता है । फर्नेंस की ऊष्मा बॉयलर के पानी को भाप में बदल देती है और तब इसका प्रयोग टरबाइन चलाने के लिए किया जाता है । ये टरबाइने जेनेरेटरों को घूमाती है और बिजली पैदा करती है । बच्चों ने प्लांट में स्थापित प्रत्येक संयंत्र का बारीकी सें अध्ययन किया। बच्चों ने कूलिंग वाटर पम्प, सुपर हीटर, जनरेटर, वाष्प नियंत्रक वाल्व, एयर प्रेशर, बॉयलर, कूलिंग टावर, लैब, कंट्रोल रुम, ट्रांसफॉरमर इत्यादि की कार्यविधि का अध्ययन किया। प्लांट के अधिकृत अनुदेशकों ने बड़ी ही शालीनता एवं कुशलता से बच्चों के प्रत्येक प्रश्नों का उत्तर दिया। विद्यार्थियों ने भी प्लांट अधिकारियों को महत्वपूर्ण जानकारी बताने के लिए धन्यवाद ज्ञापन किया । विद्यार्थी प्लांट के अधिकारियों के व्यवहार से बहुत प्रसन्न हुए एवं बड़ी ही कुशलता से उन्होंने ताप विद्युत संयंत्र की कार्यविधि की जानकारी दी ।
विद्यालय के समन्वयक सब्यसाची सरकार सर ने सभी विद्यार्थियों को ताप विद्युत संयंत्र की कार्यविधि एवं अधिकारियों द्वारा दिए गए जानकारी को कापी में नोट करने के लिए कहा एवं ताप विद्युत संयंत्र का महत्व बताते हुए कहा कि ताप विद्युत संयंत्र के द्वारा हमें बिजली प्राप्त होती है और आज पूरी दुनिया बिजली पर निर्भर है यदि एक मिनट भी बिजली चली जाती है तो हम बहुत परेशान हो जाते हैं बिजली से ट्रेन, मोटर साइकिल आदि चलते हैं जो प्रदूषण मुक्त होते हैं बिजली का उत्पादन कर हम पर्यावरण को स्वच्छ रखते हैं । कोयले से चलने वाली विद्युत ताप संयंत्र सीमित मात्रा में है इसलिए हमें बिजली का उपयोग आवश्यकतानुसार करनी चाहिए ।
विद्यालय के शिक्षक सुशांत मुखर्जी ने कहा कि बिजली ने मानव इतिहास के विकास को नई दिशा दी है । देश और दुनिया में बढ़ती जनसंख्या के कारण बिजली की खपत दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है । बढ़ती टेक्नॉलॉजी के साथ लोगों की सुविधाएँ और जरूरतें भी बढ़ गई है इसलिए इसे पुरा करने के लिए बिजली का उत्पादन किया जाता है । बिजली का उत्पादन पॉवर प्लांट से होता है । दुनिया में बिजली की बढ़ती माँग को देखते हुए पावर प्लांट तैयार किया गया है । बिजली उत्पन्न करने के लिए अलग-अलग स्त्रोत का उपयोग होता है । जैसे-थर्मल पावर प्लांट, बायोगैस पावर प्लांट, हाइड्रो पावर प्लांट, न्यूक्लीयर पावर प्लांट, सोलर पावर प्लांट, डीजल पावर प्लांट इन सभी प्रकार के पावर प्लांट का मकसद एक है बिजली उत्पन्न करना एवं लोगां की जरूरतें को पुरा करना ।
विद्यालय के प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता ने कहा कि शैक्षणिक भ्रमण से बच्चों के ज्ञान में वृद्धि होती है एवं छात्र-छात्राओं में आपसी सहयोग एवं सामंजस्य की भावना का विकास होता है।हमारा विद्यालय हमेशा ही विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु प्रयासरत रहा है। संपूर्ण उद्योग परिसर में पर्यावरण की सुरक्षा एवं सुंदरता का विशेष खयाल रखा गया है। चारों तरफ से प्रकुति की हरीतिमा से आच्छादित बहुत ही साफ-सुथरा एवं सुंदर उद्योग का दर्जा प्राप्त है। गौरतलब है कि उद्योग परिसर में फलदार वृक्ष भी रोपित किया गया है। धरती में कोयले एवं अन्य खनिज पदार्थों मात्रा सीमित है तथा मानव दिन-प्रतिदिन अपने स्वार्थ के लिए इन पदार्थों का अनवरत दोहन कर रहा है।हमें पर्यावरण की सुरक्षा एवं सुंदरता पर भी विषेश ध्यान देना चाहिए क्योंकि वृक्ष नहीं तो हम नहीं।
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