Chhattisgarh में हजारों टन धान की बर्बादी पर कांग्रेस- बीजेपी आमने सामने

रायपुर: छत्तीसगढ़ में एक बार फिर बेमौसम बारिश की वजह से फसलों पर बुरा असर पड़ा है. खरीदी केंद्रों में रखा धान या तो बारिश से भीग रहा है या फिर उसे रखने के लिए प्रशासन की ओर से पुक्ता इंतजाम नहीं है. धान के खराब होने पर बीजेपी ने भूपेश सरकार पर सीधा हमला बोला है. एक ओर कांग्रेस बीजेपी पर आरोप लगा रही है कि उसने 15 सालों में भंडारण गृह नहीं बनवाएं तो वही बीजेपी का कहना है कि धान नहीं खरीदना पड़े इसके लिए कांग्रेस यह सब कर रही है. छत्तीसगढ़ में बेमौसम बारिश की वजह से फसलों पर बुरा असर पड़ा है. खरीदी केंद्रों में रखे धान के खराब (wastage of paddy in Chhattisgarh) होने की भी आशंका बढ़ गई है.

बारिश की वजह से हजारों टन धान बर्बाद

छत्तीसगढ़ में हर साल हजारों टन धान बारिश में खराब (wastage of paddy in Chhattisgarh) हो जाता है. सूखत की वजह से भी हजारों टन धान की किल्लत दर्ज की जाती है. पूर्व के आंकड़ों के अनुसार साल 2019-20 में 40656.70 हजार टन धान का शार्टेज हुआ था. जिसमें सर्वाधिक महासमुंद में 10 हजार टन, बलौदा बाजार में 9,200 टन, मुंगेली 6,200 टन, राजनंदगांव में 3,000 टन और गरियाबंद में 4,900 टन से अधिक धान का शॉर्टेज दर्ज किया गया था. इस रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ के 21 जिलों में धान का शॉर्टेज दिखाया गया है.

कौन जिम्मेदार?

बारिश की वजह से खराब हो रहे धान के लिए भाजपा के वरिष्ठ विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री बृजमोहन अग्रवाल (Former cabinet minister Brijmohan Agarwal) ने सीधे तौर पर भूपेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के समय धान क्यों खराब नहीं हुआ था. क्यों धान का नुकसान नहीं हुआ था. क्योंकि हमारा एक सिस्टम था. उस सिस्टम में सोसाइटी में धान खरीदने के बाद फौरन उसका उठाव राइस मिलर के यहां हो जाता था. आज भी छत्तीसगढ़ में गोडाउन है. छत्तीसगढ़ में धान खरीदी के बाद उसे प्राइवेट, एफसीआई और मंडियों के गोडाउन में रखा जा सकता है.

बृजमोहन का सीएम पर तंज, कहा – यदि घूमता रहा सिंगल प्वाइंट तो कौन लेगा निर्णय

बीजेपी नेता बृजमोहन अग्रवाल (BJP Leader Brijmohan Agarwal) ने प्रदेश सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि यहां सिंगल प्वाइंट निर्णय लिया जाता है. यदि सिंगल प्वाइंट घूमता रहा तो निर्णय कहां से होगा. मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश घूम रहे हैं तो यहां निर्णय कौन लेगा. वह वन मैन आर्मी है. वह नहीं है तो कुछ नहीं है. इसलिए कहीं लोगों को राहत नहीं पहुंच रही है. बीजेपी ने कहा कि पिछली बार जिनका बारिश में धान भीगा था उनको आज तक मुआवजा नहीं मिला है. अभी भी जो धान भीगा है. इसकी बहुत तेजी से जांच कराकर प्रभावितों को राहत पहुंचाना चाहिए. इसलिए सरकार को अपने खजाने से अतिरिक्त राहत पहुंचाने चाहिए.

‘अमानत में खयानत’ है सोसाइटी में रखे धान का भीगना

बीजेपी नेता ने कहा कि पिछले साल 13-14 सौ करोड़ का धान भीगकर सड़ गया था. उसके पहले 500 करोड़ का धान सड़ गया था. सरकार ने किसी पर कार्रवाई नहीं की. क्योंकि सरकार इसके माध्यम से बला को टालना चाहती है. धान खरीदी कम करना चाहती है और धान को सड़ा कर और उसको घाटे में डालना चाहती है. एक तरफ सरकार के पास वेतन देने के लिए पैसे नहीं है, कर्ज लेकर वेतन बांट रही है और दूसरी तरफ किसानों की कड़ी मेहनत की उपज को बरसात में भीगाकर जनता का पैसा बर्बाद कर रही है. यह अमानत में खयानत का मामलास है. यह एक तरह से धन की बर्बादी है. इसके लिए यह सरकार मुख्यमंत्री सहित जो अधिकारी इस काम में लगे हुए सभी दोषी हैं. धान रखने के लिए अतिरिक्त गोदाम की जरूरत ही नहीं है. छत्तीसगढ़ में 245 मंडिया है, जहां 20 से 30 लाख टन धान संग्रहण किया जा सकता है.

नहीं मिला पिछले 2 साल का पैसा

पूर्व मंत्री ने कहा कि इनके पास मिलिंग और प्रॉपर ट्रांसपोर्टेशन (Milling and Proper Transportation) की व्यवस्था होती तो धान सड़ता ही नहीं. क्योंकि पिछले 2 सालों का पैसा मिलर को सरकार ने नहीं दिया है. इस वजह से इस साल भी मिलर को विश्वास नहीं है कि आने वाले समय में भी उन्हें पैसा मिलेगा. इसलिए भी धान नहीं उठा रहे हैं. उन्होंने ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 1200 मिल हैं और उनकी लगभग 20 लाख मैट्रिक टन धान संग्रहण की क्षमता है. सरकार के पास कोई योजना ही नहीं हमारी सरकार के समय क्यों धान नहीं भीगा.

15 साल में भाजपा ने सिर्फ दो हजार मैट्रिक टन क्षमता के बनाये गोडाउन

कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेशाध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला (Sushil Anand Shukla) ने बृजमोहन अग्रवाल के सवालों पर पलटवार किया. उन्होंने कहा कि उनके पास इतनी जानकारी होना चाहिए कि इस छत्तीसगढ़ में सिर्फ 5000 मीट्रिक टन अनाज भंडारण के गोदामों में क्षमता है. 15 साल में भाजपा ने सिर्फ दो हजार मैट्रिक टन क्षमता के गोडाउन बनाया है. 3000 मीट्रिक टन क्षमता के गोडाउन भाजपा सरकार के पूर्व कांग्रेस सरकार के समय बना था.

तमाम जगहों के गोडाउन मिलाकर सिर्फ 5000 मीट्रिक टन संग्रहण की है क्षमता

बृजमोहन द्वारा मंडियों और एफसीआई के गोदामों में धान संग्रहण करने को लेकर सुशील आनंद (Sushil Anand Shukla) ने कहा कि मंडियों की भी अपनी क्षमता है. उसमें किसानों और व्यापारियों के अनाजों का भंडारण होता है. इसमें पहले से ही भंडारण किया हुआ है. वहां रखना संभव नहीं है. अब तक 50 लाख मैट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है. हरदिन तीन लाख मैट्रिक टन धान खरीदा जा रहा है. हमारे पास मंडी सहित तमाम जगहों के गोडाउन मिलाकर सिर्फ 5000 मीट्रिक टन की क्षमता है.

घड़ियाली आंसू बहाना बंद करे ‘भाजपा’

सुशील आनंद शुक्ला (Sushil Anand Shukla) ने बृजमोहन अग्रवाल पर अवसरवादी राजनीति करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि बेमौसम बारिश की वजह से प्राकृतिक आपदा है. इस पर किसका जोर नहीं चल सकता है. मुख्यमंत्री ने कलेक्टर को नुकसान के आंकलन के लिए निर्देशित किया है. उसके बाद किसानों के नुकसान की भरपाई की जाएगी. भाजपा इसमें घड़ियाली आंसू बहाने की जगह आत्म अवलोकन करे. उन्होंने पिछले 15 साल में क्या किया? कभी यह क्यों नहीं सोचा कि धान के भंडारण के लिए गोडाउन बनाया जाए. धान खरीदी के लिए कोई नीति बनाई जाए. आज बीजेपी जनता को दिखाने के लिए घड़ियाली आंसू बहा रही है.