भारतीय रेलवे के उत्तर रेलवे जोन के जनरल मैनेजर आशुतोष गंगल ने गुरुवार को बताया कि उत्तर रेलवे ने स्क्रैप की बिक्री में रिकॉर्ड बनाते हुए, इससे 402.51 करोड़ रुपये की कमाई की है. यह पिछले वित्तीय वर्ष की इसी अवधि में कमाए गए 208.12 करोड़ रुपये की बिक्री से 93.40 फीसदी ज्यादा है.
इस प्रकार, उत्तर रेलवे ने सितंबर 2021 में 200 करोड़ रुपये, अक्टूबर 2021 में 300 करोड़ रुपये और दिसंबर 2021 में 400 करोड़ रुपये के स्क्रैप बिक्री आंकड़ों को पार करते हुए सभी क्षेत्रीय रेलों और उत्पादन इकाईयों में पहला स्थान प्राप्त किया है.
उत्तर रेलवे ने हासिल किया रेलवे बोर्ड द्वारा दिया गया लक्ष्य
आपको बता दें कि उत्तर रेलवे ने नवंबर 2021 में रेलवे बोर्ड द्वारा दिए गए 370 करोड़ रुपये के स्क्रैप बिक्री लक्ष्य को भी हासिल कर लिया है. उत्तर रेलवे अन्य क्षेत्रीय रेलों और उत्पादन इकाईयों की तुलना में सबसे आगे है.
उत्तर रेलवे के जनरल मैनेजर आशुतोष गंगल ने कहा कि स्क्रैप का निपटान एक महत्वपूर्ण गतिविधि है. स्क्रैप से कमाई करने के साथ-साथ ये रेलवे के परिसरों को साफ-सुथरा रखने में भी मदद करता है. रेलवे लाइनों के आसपास रेल पटरी के टुकड़ों, स्लीपरों, टाईबारों इत्यादि के पड़े रहने से सुरक्षा का जोखिम भी बना रहता है.
इसी प्रकार उपयोग में न लाए जा रहे ढांचों जैसे पानी की टंकियों, केबिनों, क्वार्टरों और अन्य निर्माणों के दुरुपयोग की भी संभावना रहती है. इसलिए इनका हमेशा से ही प्राथमिकता के आधार पर निपटारा किया जाता है. इसके साथ ही उच्च स्तर पर इसकी निगरानी भी की जाती है.
उत्तर रेलवे के पास बड़ी मात्रा में जमा हैं स्क्रैप
आशुतोष गंगल ने बताया कि स्क्रैप, पीएससी स्लीपरों, जो उत्तर रेलवे के पास बड़ी मात्रा में जमा हैं, इनका निपटान किया जा रहा है ताकि राजस्व अर्जित करने के साथ-साथ रेल गतिविधियों के लिए रेल भूमि खाली की जा सके.
उन्होंने कहा उत्तर रेलवे जीरो स्क्रैप स्टेटस हासिल करने और इस वित्तीय वर्ष में सर्वाधिक स्क्रैप बिक्री रिकॉर्ड स्थापित करने के लिए मिशन मोड में कार्य करते हुए अपने परिसरों को स्वच्छ बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. उत्तर रेलवे अपने सभी यात्रियों और उपयोगकर्ताओं को सुरक्षित, सुगम और प्रभावी सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है.
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