गुरुवार को भी दिन में बादल रहने के बाद आसमान के साफ होने और 31 दिसंबर से घने कोहरे की संभावना जताई जा रही है. लिहाजा नए साल का स्वागत कड़ाके की ठंड के बीच हो सकता है.
सरगुजा: सरगुजा संभाग का मौसम बेहद खुशनुमा है. एक दिन में यहां मौसम अपने कई रंग दिखा रहा है और इसका कारण पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता है. इस विक्षोभ से सरगुजा संभाग में बारिश और ओलावृष्टि के बाद एक बार फिर से ठंड बढ़ने की संभावना है. पिछले दिनों 5 घंटे में शहर में 22 मिली मीटर बारिश दर्ज की गई. जबकि बुधवार को दिनभर आसमान में बादल छाए रहे. बारिश और बादल के कारण दिन के अधिकतम तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई. पिछले 24 घंटे में शहर का अधिकतम पारा 5.3 डिग्री तक गिर गया. जबकि न्यूनतम तापमान में 2 डिग्री की वृद्धि हुई है. जबकि गुरुवार को भी दिन में बादल रहने के बाद आसमान के साफ होने और 31 दिसंबर से घने कोहरे की संभावना जताई जा रही है. लिहाजा नए साल का स्वागत कड़ाके की ठंड के बीच हो सकता है.
कई जगहों पर बारिश और ओलावृष्टि
पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता (Activation of Western Disturbances) से मंगलवार को दिन भर आसमान में बादल छाए रहे. शाम 5:00 बजे से तेज हवाओं के साथ बारिश शुरू हुई. गरज चमक के साथ जोरदार बारिश से सरगुजा सहित सूरजपुर बलरामपुर और अन्य सरगुजा भी प्रभावित हुआ है. इस दौरान सूरजपुर के प्रतापपुर धर्मपुर क्षेत्र में भारी ओलावृष्टि हुई. जबकि बलरामपुर के रामानुजगंज सनावल क्षेत्र से भी ओलावृष्टि की सूचनाएं मिली है. शहर में बारिश का क्रम मंगलवार रात 11:30 बजे तक जारी है. मौसम विभाग ने बताया कि साढे 5 घंटे में शहर में 22.8 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है. जबकि अधिकतम तापमान में 5.3 डिग्री की गिरावट आई है. मौसम विभाग आज शहर का अधिकतम तापमान 18.2 और न्यूनतम तापमान 13.2 डिग्री दर्ज किया गया है. इसके साथ ही आज के न्यूनतम तापमान में भी 2 डिग्री की वृद्धि हुई है. मंगलवार को न्यूनतम तापमान 11.2 डिग्री था.
दो जनवरी के बाद सरगुजा में शीतलहर
मौसम विज्ञानी अक्षय मोहन भट्ट ने बताया कि मौसम में नमी के कारण न्यूनतम तापमान में गिरावट नहीं आई है. लेकिन गुरुवार की शाम तक विक्षोभ छत्तीसगढ़ से निकल जाएगा और आसमान साफ होने लगेगा. 31 दिसंबर को आसमान के पूर्ण रूप से साफ होने की संभावना है. जिसके बाद सरगुजा और संभाग में घना कोहरा रहेगा. हालांकि एक और विक्षोभ सक्रिय हुआ है. जो 1 जनवरी को जम्मू कश्मीर में प्रवेश करेगा. लेकिन उत्तराखंड पहुंचते-पहुंचते यह विक्षोभ शांत हो जाएगा. इसके बाद सरगुजा एक बार फिर से शीतलहर की चपेट में होगा और इस दौरान न्यूनतम तापमान में तीन से चार डिग्री की भारी गिरावट दर्ज की जाएगी. जिससे सरगुजा में तेज ठंड का प्रकोप एक बार फिर से देखा जाएगा.
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