बच्चों के भविष्य सवारने में प्राचार्यो की अहम भूमिका : मंत्री डॉ.टेकाम

रायपुर 28 दिसम्बर(वेदांत समाचार)। बच्चों के भविष्य सवारने में प्राचार्यो की अहम भूमिका होती है। सभी प्राचार्य अपनी संस्था में न केवल बेहतर योगदान दें, बल्कि विद्यालय में पढ़ने वाले हर विद्यार्थी को रचनात्मक एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने, अकादमिक प्रबंधन एवं नेतृत्व का एक बेहतर उदाहरण प्रस्तुत करें। उक्त बातें स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ.प्रेमसाय सिंह टेकाम ने आज, मंगलवार को प्रशासन अकादमी में स्वामी आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल के प्राचार्यों की 10 दिवसीय प्रशिक्षण सत्र को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल के नेतृत्व में बच्चों के बेहतर भविष्य निर्माण के लिए स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल प्रारंभ किए गए हैं। मुख्यमंत्री का सपना था कि राज्य में ऐसा स्कूल बने जिसमें सभी वर्गो के साथ गरीब परिवारों के बच्चे भी अंग्रेजी माध्यम की गुणवत्तापूर्ण बेहतर शिक्षा प्राप्त कर सकें। इस कल्पना को साकार करने के लिए स्वामी आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल की स्थापना की गई।

प्रथम चरण में 52, द्वितीय चरण में 119 और वर्तमान में 171 विद्यालयों को सर्व सुविधायुक्त अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में उन्नत किया गया। उन्होंने प्रशिक्षण में आए प्राचार्यों से कहा कि उन्हें अपनी संस्थानों को उत्कृष्ट बनाना है। इसके लिए उन्हें लीडरशीप के गुण और संस्था संचालन के लिए प्रशिक्षण जरूरी है। प्रशिक्षण के दौरान अपनी संस्था को बेहतर बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। मंत्री डॉ.टेकाम ने कहा कि हर माता-पिता का सपना होता है कि वे अपने बच्चों को अच्छे स्कूल में पढ़ाएं। प्राचार्यों को यह ध्यान रखना होगा कि वे माता-पिता के विश्वास को टूटने न दें। प्राचार्य अच्छे लीडर के रूप में शिक्षक को भी प्रेरित करने के साथ बच्चों को अच्छे नागरिक के रूप में ढाले। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में बेहतर अधोसंरचना के साथ ही अच्छे लीडर और टीचर का होना जरूरी है।

मंत्री डॉ.टेकाम ने बताया कि प्रदेश के हर जिले में अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की तरह ही हिन्दी माध्यम स्कूल भी संचालित किए जाएंगे। इसके लिए कार्ययोजना तैयार की गई है। इसके साथ ही शिक्षण की नवीन तकनीक और शिक्षा गुणवत्ता के लिए अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के प्राचार्यों को प्रदेश में संचालित अंग्रेजी माध्यम स्कूलों का भ्रमण भी कराया जाएगा, ताकि वे निजी स्कूलों में बच्चों को सिखाने की तकनीक का उपयोग अपनी संस्था में कर सके।

स्कूल शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव एवं संचालक एससीईआरटी राजेश सिंह राणा ने कहा कि मुख्यमंत्री की प्रेरणा के फलस्वरूप ही शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखकर स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को पुनर्गठन किया गया। स्वामी आत्मानंद स्कूल की परिकल्पना का आधार गांव के गरीब परिवार के बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता कैसे बढ़ाई जाए, इसके लिए प्राचार्यों को 10 दिवसीय प्रशिक्षण में प्रशासनिक, वित्तीय के साथ स्कूल संचालन की आवश्यक जानकारी दी जाएगी। प्रशिक्षण में विचारों का आदान-प्रदान होगा, कुछ सुझाव विषय विशेषज्ञों द्वारा दिए जाएंगे और कुछ सुझाव प्राचार्यों की ओर से प्राप्त होंगे। प्रशिक्षण के माध्यम से अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों को उत्कृष्ट विद्यालय बनाना है। स्व प्रेरणा से अपने को लीडर के रूप में विकसित करें। अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को एक उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में स्थापित करने के कार्य में सहयोग के लिए एससीईआरटी में एक सेल का गठन किया गया है। यह सेल प्राचार्यो के सतत सम्पर्क में रहेगा। विद्यालय के प्राचार्य स्कूल कैलेण्डर के अनुसार सभी गतिविधियां पूर्ण कर इसकी जानकारी सेल को प्रेषित करें, ताकि इसके लिए बनाने गए पोर्टल से संचालित गतिविधियों का अवलोकन वरिष्ठ अधिकारी भी कर सके। प्रशिक्षण सत्र को संचालक प्रशासन अकादमी टी.सी.महावर ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर स्कूल शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एवं अंग्रेजी माध्यम स्कूल के प्राचार्य उपस्थित थे।

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