यूथ हॉस्टल एसोसिएशन तथा वन विभाग कोरबा के संयुक्त तत्वधान में अमृत महोत्सव कार्यक्रम संपन्न

कोरबा 27 दिसम्बर (वेदांत समाचार)। यूथ हॉस्टल एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया छत्तिसगढ राज्य का 3 दिवसी राज्य इस्तरी ट्रैकिंग व् ट्रेनिंग प्रोग्राम वन विभाग कोरबा के संयुक्त तत्वधान में, सत्रेंगा में 26 दिसम्बर को संपन्न हो गया . राज्य चेयरमैन संदीप सेठ के नेत्रित्यव में इस ट्रैकिंग व् ट्रेनिंग कार्यक्रम में लगभग 80 प्रतिभागि रायपुर, कोरबा, रायगढ़, बिलासपुर, कवर्धा जिले से शामिल हुए.

कार्यक्रम के पहेले दिन 24 तारीख को प्रतिभागियों को ट्रैकिंग (5 KM) , टेंट लगाना सिखाया गया. भीषण ठण्ड में रात्रि में सभी ने कैंप फायर का आनंद उठाया. दुसरे दिन 25 तारीख को चाय नाश्ता के बाद सभी को बोटिंग कराइ गई. उसके बाद वन विभाग के साथ मिलकर सत्रेंगा में सफाई अभियान चलाया गया. 4 बोरी कचरा को एकत्र किया गया . बाद में 1400 साल पुराना साल का वृक्ष दिखाया गया. फिर रानी झरना का विहंगम ट्रेक वन विभाग के साथ मिलकर सुब्बा , विकास और राहुल के नेत्रित्व में किया गया जो कि लगभग 9 KM का आना जाना ट्रेक था. रानी झरना से लौटते समय पुरे ट्रेक की सफाई टीम द्वारा की गई तथा 6 बोरी कचरा हटाया गया . दुसरे दिन भी रात में पुनः कैंप फायर कराया गया . प्रोग्राम के अंतिम दिन सभी को देवपहरी ले जाया गया . यूथ हॉस्टल के इस कार्यक्रम में सभी को बहुत आनंद आया क्युकी 3 दिन के कार्यक्रम में सभी ने अमृत महोत्ससव के तहत सफाई अभियान , ट्रेकिंग , बोटिंग , कैम्पिंग , कैंप फायर , जंगल ट्रैकिंग , बर्ड वाचिंग का आनंद लिया .

कार्यक्रम के समापन में कोरबा DFO श्रीमती प्रियंका पाण्डेय मुख्य अथिथि रही . उन्होंने सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किये . श्रीमती प्रियंका पाण्डेय ने बताया की कार्बन उत्सर्गन हम सभी के लिए कितना घातक है . प्रियंका पाण्डेय ने यूथ से अपील की और बताया की कैसे उसका उत्सर्ग्जन कम किया जा सकता है . यूथ हॉस्टल के स्टेट चेयरमैन संदीप सेठ ने मुख्य अतिथि का धन्यवाद देते हुए स्मृति चिन्न भेट किया.


इस कार्यक्रम को सफल बनने मैं इकाई अध्यश सतीश शुक्ला का विशेष योगदान रहा. साथ ही ट्रैकिंग ऑफिसर विकास पटेल व् राहुल गुप्ता ने पुरे ट्रेक को लीड किया. कार्यक्रम को सफल बनाने में EPC शैलेन्द्र नामदेव , शैलेश शुक्ला ,सुनील विश्नोई , अशोक झाबक , शशांक मोघे , मंसूर खान , डॉ निशांत अग्रवाल , धनबहादुर सुब्बा का सराहनीय कार्य रहा