दुनिया का सबसे जहरीला बिच्छू, जिसके एक लीटर जहर की कीमत है 75 करोड़ रुपये….

दुनिया में कई तरह के जहरीले जीव पाए जाते हैं. मकड़ी, जेलीफिश और ब्लू ऑक्‍टोपस से लेकर सांप-बिच्‍छू तक. क्या आप दुनिया के सबसे जहरीले बिच्छू के बारे में जानते हैं? आज हम यहां इसी के बारे में बता रहे हैं. यह ​बिच्छू क्यूबा में पाया जाता है. आम बिच्छुओं से अलग यह नीले रंग का होता है. यह जितना खतरनाक और जहरीला होता है, उतना ही बेशकीमती भी होता है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बिच्छू के जहर से कई तरह की दवाएं बनती है. इसलिए इसके जहर की कीमत करोड़ों में होती है. थाईलैंड में पाए जाने वाले जहरीले सांप किंग कोबरा के जहर की कीमत जहां 30-32 करोड़ रुपये प्रति लीटर है, वहीं इस नीले बिच्छू के जहर की कीमत करीब 76 करोड़ रुपये प्रति लीटर है.  (PS: Plotr Nascrecki/Reddit)

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बिच्छू के जहर से कई तरह की दवाएं बनती है. इसलिए इसके जहर की कीमत करोड़ों में होती है. थाईलैंड में पाए जाने वाले जहरीले सांप किंग कोबरा के जहर की कीमत जहां 30-32 करोड़ रुपये प्रति लीटर है, वहीं इस नीले बिच्छू के जहर की कीमत करीब 76 करोड़ रुपये प्रति लीटर है.

इस बिच्छू के जहर से कैंसर की दवा 'Vidatox' बनाई जाती है. क्यूबा में दावा किया जाता है कि इस दवा से लाइलाज बीमारी कैंसर को जड़ से खत्म किया जा सकता है. इसके जहर में 50 लाख से भी ज्यादा यौगिक होने का दावा किया जाता है, जिनमें से बेहद कम की पहचान हो सकी है. दावा किया जाता है कि इसके जहर से कई अन्य बीमारियों की दवा बनाए जाने की भी संभावना है.  (PS: Youtube Grab)

इस बिच्छू के जहर से कैंसर की दवा ‘Vidatox’ बनाई जाती है. क्यूबा में दावा किया जाता है कि इस दवा से लाइलाज बीमारी कैंसर को जड़ से खत्म किया जा सकता है. इसके जहर में 50 लाख से भी ज्यादा यौगिक होने का दावा किया जाता है, जिनमें से बेहद कम की पहचान हो सकी है. दावा किया जाता है कि इसके जहर से कई अन्य बीमारियों की दवा बनाए जाने की भी संभावना है.

इजरायल की Tel Aviv University के प्रोफेसर माइकल गुरेवित्ज़ के अनुसार, कई मेडिकल रिसर्च और ट्रीटमेंट के लिए इस बिच्छू के जहर का इस्तेमाल हो रहा है. इसमें कुछ ऐसे तत्व हैं जो पेनकिलर के तौर पर भी काम करते हैं, जबकि हड्डी की बीमारी अर्थराइटिस को रोकने में भी इसके जहर की अहम भूमिका हो सकती है. दावा किया जाता है कि इसके जहर में मौजूद कुछ तत्व कैंसर के लिए जिम्मेदार सेल्स/कोशिकाओं को बनने से रोकते हैं.   (PS: David Barkesy)

इजरायल की Tel Aviv University के प्रोफेसर माइकल गुरेवित्ज़ के अनुसार, कई मेडिकल रिसर्च और ट्रीटमेंट के लिए इस बिच्छू के जहर का इस्तेमाल हो रहा है. इसमें कुछ ऐसे तत्व हैं जो पेनकिलर के तौर पर भी काम करते हैं, जबकि हड्डी की बीमारी अर्थराइटिस को रोकने में भी इसके जहर की अहम भूमिका हो सकती है. दावा किया जाता है कि इसके जहर में मौजूद कुछ तत्व कैंसर के लिए जिम्मेदार सेल्स/कोशिकाओं को बनने से रोकते हैं.

फ्रेड ​हचिंसन कैंसर रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट के मुताबिक, इस नीले बिच्छू का जहर 'अंग प्रत्यारोपण' के दौरान भी इस्तेमाल किया जा सकता है. जब शरीर में कोई नया अंग लगाने पर बॉडी उसे रिजेक्ट कर देती है कि तो ऐसी स्थिति में सिंथेटिक बदलाव के लिए इसके जहर को उस मरीज के शरीर में इंजेक्ट किया जा सकता है. इससे बॉडी का इम्यून सिस्टम तेजी से काम करने लगता है और शरीर द्वारा अंग के रिजेक्ट होने की संभावना नहीं रह जाती है. मेडिकल जगत में अभी इन सबको लेकर कई रिसर्च हो रहे हैं. 
(PS: Flickr)

फ्रेड ​हचिंसन कैंसर रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट के मुताबिक, इस नीले बिच्छू का जहर ‘अंग प्रत्यारोपण’ के दौरान भी इस्तेमाल किया जा सकता है. जब शरीर में कोई नया अंग लगाने पर बॉडी उसे रिजेक्ट कर देती है कि तो ऐसी स्थिति में सिंथेटिक बदलाव के लिए इसके जहर को उस मरीज के शरीर में इंजेक्ट किया जा सकता है. इससे बॉडी का इम्यून सिस्टम तेजी से काम करने लगता है और शरीर द्वारा अंग के रिजेक्ट होने की संभावना नहीं रह जाती है. मेडिकल जगत में अभी इन सबको लेकर कई रिसर्च हो रहे हैं.

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