महाराष्ट्र में अब बेटियों पर एसिड फेंकने वालों और उनके साथ सामूहिक दुष्कर्म कर हत्या के दोषियों को मौत की सजा सुनाई जाएगी. इस संबंध में महाराष्ट्र विधानसभा ने गुरुवार को सर्वसम्मति से ‘शक्ति आपराधिक कानून (महाराष्ट्र संशोधन) विधेयक पारित किया जिसमें महिलाओं के विरुद्ध अपराध के लिए मौत की सजा समेत दंड के कड़े प्रावधान किये गए हैं..
विधेयक में ऐसे मामलों के तेजी से निपटारे का प्रावधान किया गया है और अब यह विधान परिषद में पेश किया जाएगा. विधेयक को संयुक्त समिति की मंजूरी मिलने के बाद गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने इसे विधानसभा में पेश किया. गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने एक दिन पहले महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए आंध प्रदेश के दिशा कानून की तर्ज पर संशोधित शक्ति फौजदारी कानून विधेयक विधानसभा में पेश किया था, जिस पर गुरुवार को चर्चा हुई.
30 दिनों के अंदर करनी होगी जांच पूरी
नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने इसका स्वागत करते हुए कहा, महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, ऐसे में वर्तमान कानूनों को कठोर बनाने की आवश्यकता है. इस कानून के तहत दुष्कर्म के मामले में संबंधित अपराधी को मृत्युदंड या कठोर कारावास देने का प्रावधान है. अपराध की सूचना के 30 दिनों के भीतर जांच पूरी करनी होगी, यदि 30 दिन में जांच संभव नहीं है, तो पुलिस महानिरीक्षक या पुलिस आयुक्त को 30 दिनों का विस्तार मिलेगा.
वहीं गुरुवार मंत्री पी तानपुरे ने विधान परिषद में भाजपा की अगुवाई वाली पिछली सरकार को कृषि उपभोक्ताओं के बिजली उपयोग की बकाया राशि बढ़कर 40,000 करोड़ रुपये हो जाने के लिए जिम्मेदार ठहराया. मंत्री महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड (एमएसईडीसीएल) द्वारा किसानों को उनकी बकाया राशि चुकाने के लिए बोल रहे थे. प्रदेश सरकार के ऊर्जा राज्य मंत्री ने कहा, ‘‘जब 2014 में नयी सरकार (भाजपा-शिवसेना की) महाराष्ट्र में सत्ता में आयी, तो कृषि क्षेत्र पर एमएसईडीसीएल की बकाया राशि 10,000 करोड़ रुपये थी. उस दौरान पूरे प्रदेश में बकाया (सभी बिजली उपभोक्ताओं से) का संचयी आंकड़ा 20,000 करोड़ रुपये था.’’
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