शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की पंजाब पुलिस कार्रवाई के बाद, राज्य कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और बादल परिवार पर कड़ा हमला बोला है. सिद्धू ने कहा कि ड्रग्स मामले (Drugs Case) में मजीठिया के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई उन लोगों के मुंह पर तमाचा है जो सालों तक इस गंभीर मुद्दे पर आंख मूंदे रहे.
सिद्धू ने कहा कि बादल परिवार और कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब में साढ़े पांच साल तक भ्रष्ट सिस्टम को चलाया. उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय (ED) और स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं की. इसलिए, आखिरकार अब इस मामले में ईमानदार अधिकारियों को आदेश देकर पहला कदम उठाया गया है. सिद्धू ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘बादल परिवार और कैप्टन सिंह द्वारा चलाई जा रही भ्रष्ट व्यवस्था के खिलाफ 5.5 साल की लड़ाई और मजीठिया के खिलाफ ईडी और एसटीएफ की रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई न करने के बाद, आखिरकार अब सत्ता और प्रभाव के पदों पर विश्वसनीय अधिकारियों के आने के बाद यह पहला जरूरी कदम उठाया गया है.’
‘ये शक्तिशाली लोगों के मुंह पर तमाचा’
सिद्धू ने आगे लिखा, ‘फरवरी 2018 की एसटीएफ की रिपोर्ट के आधार पर ड्रग व्यापार के मुख्य दोषियों के खिलाफ पंजाब पुलिस अपराध शाखा में FIR दर्ज की गई है. जिसकी मांग मैंने 4 साल पहले की थी. यह उन सभी शक्तिशाली लोगों के मुंह पर एक तमाचा है जो इस मुद्दे पर सालों से सोते रहे.’ उन्होंने कहा, ‘जब तक ड्रग माफिया के मुख्य दोषियों को कड़ी सजा नहीं दी जाती, तब तक न्याय नहीं होगा. ये तो अभी पहला कदम है. जब तक सजा नहीं दी जाती हम तब तक लड़ेंगे. हमें ईमानदार और सच्चे लोगों को चुनना चाहिए और ड्रग तस्करों और उनके संरक्षकों से दूर रहना चाहिए.’
‘पंजाब पुलिस पर बनाया गया दबाव’
नवजोत सिंह सिद्धू ने एसटीएफ की जांच के मामले में राज्य सरकार से सवाल करते हुए कहा कि उसने 2018 में ड्रग रैकेट में कथित राजनेता-पुलिस गठजोड़ के मामले में दायर एक रिपोर्ट की जानकारी को सार्वजनिक क्यों नहीं किया? बता दें कि ड्रग मामले में पूर्व मंत्री बिक्रम मजीठिया के खिलाफ मोहाली में ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन के पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज की गई है. दरअसल, मजीठिया के खिलाफ ड्रग्स मामले को लेकर लगातार आरोप लग रहे थे. अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) ने पहले ही यह आशंका जताई थी कि राज्य पुलिस पर मजीठिया के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव बनाया जा रहा है. उन्होंने इसको लेकर नवजोत सिंह सिद्धू और चरणजीत सिंह चन्नी पर गंभीर आरोप लगाए थे.
[metaslider id="347522"]