दिल्ली के एक कोर्ट में हुए ब्लास्ट के मामले में शनिवार को डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) के वैज्ञानिक की गिरफ्तारी ने सभी को हैरान कर दिया. दिल्ली पुलिस ने बताया कि वैज्ञानिक भरत भूषण कटारिया के पास विस्फोटक बनाने का सामान मिला है. उसने अपने वकील पड़ोसी से बदला लेने के लिए 9 दिसंबर को दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में ब्लास्ट किया था. वकील के साथ उसका प्रॉपर्टी संबंधी 6 साल पुराना विवाद था.
रोहिणी कोर्ट ब्लास्ट के आरोपी डीआरडीओ के वैज्ञानिक भारतभूषण कटारिया को रोहिणी कोर्ट शूटआउट से रोहिणी कोर्ट में ब्लास्ट का आइडिया मिला था. आरोपी वैज्ञानिक ने रोहिणी कोर्ट शूटआउट के बाद कोर्ट में ब्लास्ट कर वकील को मारने की साजिश रचना शुरू कर दिया था. बताया जा रहा है कि भारतभूषण डीआरडीओ में लेजर तकनीक पर काम कर रहे थे. उन्होंने लेजर से दुश्मन के ड्रोन को नष्ट करने की तकनीक भी विकसित की थी. स्पेशल सेल के पुलिस अधिकारियों के अनुसार रोहिणी कोर्ट शूटआउट 24 सितंबर को हुआ था. टिल्लू ताजपुरिया गिरोह के बदमाशों ने गैंगस्टर जितेंद्र गोगी की रोहिणी कोर्ट रूम में ताबड़तोड़ गोलियां मारकर हत्या कर दी थी. पुलिस अधिकारी ने बताया कि वैज्ञानिक भारतभूषण कटारिया को रोहिणी कोर्ट शूटहाउट से ही आइडिया मिला था.
1000 गाड़ियां, 100 कैमरों की जांच की
दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने बताया कि ब्लास्ट की जांच कर रही स्पेशल सेल टीम ने उस दिन रोहिणी कोर्ट में आई 1,000 गाड़ियों की जांच की. 100 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे जांचे गए. पुलिस का दावा है कि उनके पास आरोपी भरत भूषण के खिलाफ इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के साथ ही पर्याप्त सबूत मौजूद हैं. विस्फोटक काले रंग के बैग में रखकर कोर्ट में छोड़ा गया था. सीसीटीवी जांच के बाद पुलिस को भूषण पर शक हुआ था.
कोर्ट रूम में बैग छोड़कर निकला आरोपी
9 दिसंबर को दिल्ली के रोहिणी कोर्ट के रूम नंबर 102 में ब्लास्ट हुआ. इसमें एक शख्स जख्मी हुआ. ब्लास्ट रिमोट कंट्रोल से किया गया था. सीसीटीवी जांच के बीच पुलिस को पता चला कि पीड़ित वकील का पड़ोसी भरत भूषण कटारिया भी उस दिन कोर्ट रूम पहुंचा था. कमिश्नर राकेश अस्थाना के मुताबिक वह सुबह 9.33 पर कोर्टरूम पहुचा. एक घंटे बाद 10.35 बजे वह एक बैग कोर्ट रूम में छोड़कर निकला.
प्रॉपर्टी विवाद के बाद बनाया बम रखने का प्लान
पुलिस के मुताबिक कटारिया की अशोक विहार में प्रॉपर्टी है. वकील इस प्रॉपर्टी के एक फ्लोर में रहता है. 4 मंजिला इमारत में लिफ्ट लगाने को लेकर करीब 6 साल पहले रंजिश शुरू हुई थी. दोनों पक्षों ने एक दूसरे के खिलाफ कई केस दर्ज करा रखे हैं. पिछली सुनवाई में अदालत ने कटारिया पर गैरजरूरी रूप से तारीख आगे बढ़वाने के कारण 1,000 रु. का जुर्माना लगाया था. इस मामले में 20 दिसंबर को अंतिम बहस होनी है, जिसमें कटारिया के खिलाफ आरोप तय हो सकते हैं.
ठीक से फटा ही नहीं टिफिन बम
फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स और नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) ने दिल्ली पुलिस को बताया कि बम को स्टील के टिफिन में रखा गया था. उसमें आधा किलो आमोनियम नाइट्रेट भी था, लेकिन ठीक ढंग से न रखने के कारण सिर्फ डेटोनेटर में ही ब्लास्ट हुआ. आरोपी वैज्ञानिक ने बताया है कि अगर वह वकील की हत्या करता तो पुलिस का संदेह सीधा उस पर जाता और वह गिरफ्तार हो जाता. ये सब को पता था कि उसका वकील से विवाद चल रहा है. रोहिणी कोर्ट शूटआउट के बाद वकील को कोर्ट में मारने का आइडिया आया था. आरोपी को लगता था कि कोर्ट में ब्लास्ट कर वह वकील की हत्या कर देगा और पुलिस का संदेह उस पर नहीं जाएगा. पुलिस इसे आतंकी घटना मानेगी. मगर सीसीटीवी कैमरों से आरोपी वैज्ञानिक बच नहीं सका.
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